कोरोना वायरस महामारी के साथ मुस्तैदी से लड़ रही नर्सों ने एक तरफ जहां खुद इस बीमारी का प्रकोप झेला वहीं समाज के सौतेले रवैया का शिकार भी बनीं. 'आजतक' ने हरियाणा के पंचकुला में सिविल अस्पताल में तैनात दो ऐसी नर्सों से बात की जिनमें से एक पीड़ितों की देखभाल करते-करते कोरोना वायरस का शिकार बन गई. वहीं दूसरी को अपनी ही हाउसिंग सोसायटी में धमकियों का सामना करना पड़ा.
कविता गुलिया पंचकुला सिविल अस्पताल के कोविड-19 वार्ड में तैनात हैं. जब वह एक संक्रमित महिला की देखभाल कर रही थीं वह खुद संक्रमण का शिकार हो गईं. ठीक होने के बाद वह होम क्वारनटीन में हैं.
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कविता गुलिया ने अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के मौके पर नर्स बिरादरी के लिए एक कविता लिखी और उनके दर्द को बयान किया. साथ ही उन्होंने आम लोगों को संदेश दिया है कि अगर उनको कोरोना वायरस का संक्रमण हो जाए तो वह घबराएं नहीं और दृढ़ता से उसका मुकाबला करें.
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वहीं अपनी ही हाउसिंग सोसायटी के सौतेले रवैये से परेशान नीलम कुंद्रा ने भी अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के मौके पर कहा कि समाज को नर्सों के प्रति अपना रवैया और सोच बदलने की जरूरत है. नीलम कुंद्रा को उनकी ही सोसाइटी के ठेकेदारों ने उनको घर ना आने की सलाह दी थी.
पंचकुला नर्सिंग संघ की प्रधान कमलजीत कौर ने कहा कि नर्सों और कोविड-19 के मरीजों से किसी भी तरह का गलत व्यवहार निंदनीय है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
मनजीत सहगल