कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा (Constable Recruitment Exam) रद्द होने के बाद हरियाणा राज्य कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) एक बार फिर सुर्खियों में है. 7 और 8 अगस्त को होने वाली इस परीक्षा को पेपर लीक हो जाने के बाद रद्द करना पड़ा. इस परीक्षा में 10,300 परीक्षार्थी बैठे थे. इस पूरे मामले पर विपक्ष ने सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इससे पहले भी 28 बार पेपर लीक हो चुके हैं.
आरोप है कि परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर लीक (Paper Leak) कर दिया गया और उसे 10 लाख से लेकर 18 लाख रुपये तक बेचा गया. इस मामले में पुलिस अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. गिरफ्तार किए गए लोगों में भर्ती परीक्षा दे रहे अभ्यर्थी और एक कोचिंग सेंटर का संचालक भी शामिल है. इनके पास से आंसर-की भी बरामद की गई है.
दर्जनों परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं
अब तक प्रदेश में हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा (HTET), क्लर्क, एक्साइज इंस्पेक्टर, एचसीएस ज्यूडिशियल, कंडक्टर, पटवारी, नायब तहसीलदार, आईटीआई इंस्पेक्टर, बिजली बोर्ड और ग्राम सचिव की भर्ती परीक्षा जैसे दर्जनों परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं. जबकि, हर साल परीक्षाओं की गोपनीयता पर 20 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए जाते हैं, बावजूद इसके पेपर लीक होने से सवाल भी खड़े हो रहे हैं.
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कांग्रेस ने किया प्रदर्शन
लगातार पेपर लीक के मामले सामने आने के बाद सोमवार को हरियाणा युवा कांग्रेस ने कर्मचारी चयन आयोग के बाहर जमकर प्रदर्शन किया और आयोग के अध्यक्ष को 28 परीक्षाओं के पेपर लीक हो जाने का रिकॉर्ड बनाने के लिए एक ट्रॉफी देने के लिए पहुंचे.
आयोग के अध्यक्ष के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने और सरकार की चुप्पी पर विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है. कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने सभी पेपर लीक मामलों की हाई कोर्ट के देखरेख में सीबीआई जांच और साख खो चुके हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त करने की मांग की है.
वहीं, युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा ने इस मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि उनका चुप रहना दोषियों को समर्थन देने की ओर इशारा कर रहा है. उन्होंने कहा, प्रदेश में नकल माफिया हावी है. मुख्यमंत्री अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकते. उन्हें सफाई देनी होगी.
मनजीत सहगल