हरियाणा में कैबिनेट गठन पर फंसा पेच, मंत्री पद को लेकर तकरार

रविवार को इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात भी हुई थी लेकिन मामला कुछ साफ नहीं हो पाया.

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मनोहर लाल खट्टर और दुष्यंत चौटाला की फाइल फोटो (ANI) मनोहर लाल खट्टर और दुष्यंत चौटाला की फाइल फोटो (ANI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:15 AM IST

  • सरकार बने 15 दिन हो गए लेकिन मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो पाया
  • वित्त, कृषि और गृह जैसे कुछ अहम मंत्रालयों को लेकर मतभेद

महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिवेसना एक साथ चुनाव लड़कर और जीतकर भी सरकार नहीं बना सकीं लेकिन हरियाणा में एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोक कर भी बीजेपी और दुष्यंत चौटाला ने शपथ ले ली. अब जब कैबिनेट बनाने का वक्त आया है तो दोनों दलों के बीच कुछ मतभेद सामने आते दिख रहे हैं. सरकार के शपथ लिए 15 दिन हो चुके हैं लेकिन पहले मंत्रिमंडल का अब तक कुछ अता-पता नहीं है.

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हरियाणा में जीत के बाद मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री बनाए गए. जननायक जनता पार्टी (जजपा) के दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम बने. इन सबके बावजूद पंद्रह दिन से हरियाणा में सरकार का सारा काम काज ठप पड़ा है क्योंकि सीएम खट्टर और दुष्यंत चौटाला के बीच मंत्रालय बंटवारे को लेकर कुछ पेच फंसता दिख रहा है. दुष्यंत चौटाला को लगता है कि बीजेपी के कारण मंत्रिमंडल विस्तार फंसा हुआ है, तो उधर बीजेपी की भी अपनी कुछ मजबूरियां हैं. रविवार को इसे लेकर मनोहर लाल खट्टर की अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात भी हुई थी लेकिन मामला कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया.

बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि दुष्यंत चौटाला अपनी पार्टी के कम से कम दो विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करवाना चाहते हैं. यही नहीं पार्टी की नजर वित्त, कृषि और गृह जैसे कुछ अहम विभागों पर भी है. उधर बीजेपी इसके लिए बिल्कुल राजी नहीं है. बीजेपी की अपनी एक उलझन ये भी है कि पहली बार विधायक बने नेताओं को वो कैबिनेट मंत्री का ओहदा देना नहीं चाहती. इन्हीं कारणों के चलते हरियाणा में मंत्रिमंडल का गठन पिछले कई दिनों से फंसा हुआ है.

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