हरियाणा के करनाल में शनिवार को पुलिस ने सीएम मनोहर लाल खट्टर का विरोध कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज किया था. योगेंद्र यादव, मनजिंदर सिंह सिरसा समेत कुछ नेताओं ने दावा किया है कि पुलिस लाठीचार्ज में एक किसान की मौत हो गई. वहीं, पुलिस ने अब इस दावे को गलत बताया है.
करनाल के एसपी गंगा राम पुनिया ने बताया कि मृतक किसान किसी भी अस्पताल नहीं गया था. वह स्थिर हालत में अपने घर गया था. उसकी मौत रात को सोने के वक्त हुई. कुछ लोगों का कहना है कि उसकी मौत हार्ट अटैक से हुई. पुलिस द्वारा लाठीचार्ज में चोट की वजह से मौत की खबर गलत है.
घर के किसी सदस्य ने नहीं की शिकायत
करनाल एसपी ने कहा, अगर किसान की मौत चोट की वजह से हुई होती, तो पुलिस के पास उसके परिजन आते. लेकिन हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली. दोनों घटनाओं का आपस में कोई संबंध नहीं है.
क्या है मामला?
दरअसल, अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा ने दावा किया था कि शनिवार को करनाल में हुए लाठीचार्ज के बाद एक किसान की मौत हो गई है. किसान का नाम सुशील काजल है. किसानों ने पुलिस पर हत्या करने का आरोप लगाया. इसके अलावा किसान नेता योगेंद्र यादव ने दावा किया था कि करनाल हादसे में सुशील काजल नाम के किसान की मौत हो गई. किसान लाठीचार्ज में घायल हो गया था. घर पहुंचकर हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई.
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