Meat Sale Calendar: पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया (PFI) ने केंद्र सरकार से मीट सेल कैलेंडर जारी करने की मांग की है. फेडरेशन ने पोल्ट्री किसानों, पशुपालकों और दिहाड़ी मजदूरों को ध्यान में रखते हुए पशुपालन मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि मीट बिक्री का एक कैलेंडर बना दिया जाए. जिससे धार्मिक त्योहारों पर मीट बिक्री को लेकर होने वाले विवाद खत्म हो जाएं और बिजनेस को नुकसान न हो.
कब बंद होती हैं मीट की दुकानें?
दरअसल, रामनवमी, महाशिवरात्रि, 2 अक्टूबर, वाल्मीकि जयंती जैसे त्योहारों और धार्मिक आयोजनों पर अक्सर पूरे राज्य में मीट की बिक्री बंद कर दी जाती है. जबकि आयोजन कुछ ही शहरों में हो रहा होता है. ऐसे में लाखों लोग परेशान होते हैं. मीट ब्रिकी के साथ कई तरह के मजदूर और कारोबारी भी जुड़े होते हैं, जिससे उनकी जीविका पर भी असर पड़ता है. मीट की दुकानें एवं बिक्री बंद होने से उन्हें भी नुकसान उठाना पड़ता है.अगर केन्द्र सरकार इस मामले में राज्यों को मीट बिक्री का कैलेंडर बनाने की एडवाइजरी जारी कर दे तो मीट कारोबार से होने वाले रेवेन्यू को भी नुकसान नहीं होगा.
PFI ने केंद्र सरकार से क्या मांग की है?
PFI के प्रेसिडेंट रनपाल ढांढा ने केन्द्रीय पशुपालन मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल से मांग की है कि मीट की दुकान बंदी की सूचना तीन महीने पहले दी जाए. जिन इलाकों में मीट की दुकानें बंद रहेंगी वहां सार्वजनिक सूचना दी जाए. मीट की दुकानें बंदी का फैसला लेने वाली कमेटी में पीएफआई का भी एक सदस्य शामिल हो. सावन में सिर्फ मंदिरों के आस-पास बिक्री बैन की जाए.
शराब की दुकानों के लिए होता है ड्राई डे कैलेंडर
ड्राई डे वे दिन होते हैं जब शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध होता है. ये दिन आमतौर पर धार्मिक या राष्ट्रीय त्योहारों के अवसर पर मनाए जाते हैं. दिल्ली में ड्राई डे कैलेंडर जारी किया जाता है, जो तारीख घोषित होती है उस दिन शराब की दुकानें बंद रहती हैं. हालांकि, मीट की दुकानों के लिए इस तरह का कैलेंडर जारी नहीं किया जाता.
बता दें कि रामनवमी, महावीर जयंती, महाशिवरात्रि, 2 अक्टूबर, वाल्मीकि जयंती जैसे धार्मिक त्योहारों पर दिल्ली में ड्राई डे घोषित किया जाता है. इन दिनों में शराब की दुकानें बंद रहती हैं जबकि मीट की दुकानें खुली रहती हैं, क्योंकि ड्राई डे का संबंध शराब से है, मीट से नहीं.
नासिर हुसैन