हरियाणा के पानीपत में गिरफ्तार की गई 'साइको किलर' पूनम की कहानी जितनी भयावह है, उतनी ही अजीब भी. बाहर से देखने पर वह बिल्कुल सामान्य, शांत और शिक्षित महिला लगती थी. एमए (पॉलिटिकल साइंस) तक पढ़ाई की हुई, घर-परिवार के बीच एक साधारण बहू. लेकिन उसके अंदर एक ऐसा किलर छुपा था, जिसे पहचान पाना शायद किसी के लिए भी मुमकिन नहीं था.
पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, वैसे-वैसे एक-एक परत खुलती गई और सामने आया कि यह हाई-क्वालिफाइड महिला 2023 से 2025 तक चार मासूमों की हत्याएं कर चुकी थी. इनमें उसकी ननद की बच्चियां, मायके की भतीजी और सबसे चौंकाने वाली बात उसका खुद का बेटा भी शामिल है. पानीपत एसपी भूपेंद्र सिंह के शब्दों में पूनम खूबसूरती से जलती थी… खासकर बच्चियों से. उसे लगता था कि परिवार में उससे सुंदर कोई नहीं होना चाहिए. सुंदर बच्चा देखते ही उसमें एक अजीब हिंसा भर जाती थी.
कत्ल के बाद मुस्कुराती थी, जैसे कोई बोझ उतर गया हो
पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि हत्या से पहले पूनम बेचैन और घबराई रहती थी. उसका व्यवहार बदल जाता था, वह खुद से बातें करने लगती थी. लेकिन जैसे ही वह किसी मासूम को पानी में डुबोकर मार देती. उसके चेहरे पर अजीब सी शांति आ जाती, कभी-कभी मुस्कान भी. जैसे हत्या उसके लिए राहत का तरीका हो. परिवार के लोग बताते हैं कि दो-दो बच्चों के मौत वाले दिनों में भी पूनम सामान्य की तरह खाना बनाती, रसोई की जिम्मेदारी निभाती, महिलाओं के बीच बैठकर बात करती दिखी थी.
जिया से कहलवाया- आज मैं बुआ के साथ सोऊंगी
सबसे दर्दनाक वारदात अगस्त 2025 की रात सिवाह गांव की है. पूनम मायके आई हुई थी. उसकी 10 साल की भतीजी जिया. बिलकुल उसी तरह फूल जैसी मासूम. पूनम की पसंदीदा कहलाती थी. हत्या वाली रात सोने से पहले पूनम जिया के पास जाकर बोली- बेटा, आज मम्मी-पापा से बोलना कि तू मेरी पास सोएगी. मासूम जिया ने बिना सवाल किए वैसा ही कहा और हंसते हुए अपनी बुआ के साथ सो गई. पूनम उठी, जिया को गोद में उठाया और पानी से भरे टब में उसकी गर्दन पकड़कर दबा दी… जब तक जिया की सांसें थम न गईं. परिवार ने इसे हादसा समझकर रोते हुए स्वीकार कर लिया. किसी को क्या मालूम था कि यह बुआ ही खूनी थी.
शादी वाले दिन गुमसुम… और फिर घातक हमला
1 दिसंबर 2025 के नौलखा गांव की शादी ने पूनम का असली चेहरा सबसे पहले दिखाया. शादी में बाकी महिलाएं नाच-गाना कर रही थीं, लेकिन पूनम गुमसुम, चुपचाप कोने में बैठी रही. किसी ने मजाक में कहा- चलो पूनम, थोड़ा डांस कर लो… पर उसने साफ मना कर दिया, चेहरा सपाट था, आवाज लगभग गायब. उसी शादी में थी उसकी जेठानी की 6 साल की बेटी विधि—खूबसूरत, हंसमुख और मनमोहक. यही मासूम अगले कुछ घंटों में पूनम का शिकार बनने वाली थी.
टब छोटा था, दरवाजा बाहर से बंद
प्लास्टिक टब में पानी था. पूनम ने विधि की गर्दन पकड़कर पानी में दबा दिया. विधि छटपटाई, हाथ-पाँव मारे, पूनम के कपड़े भी पूरे भीग गए… लेकिन पूनम नहीं रुकी. कुछ ही मिनटों में बच्ची की सांसें थम गईं. नीचे लौटी तो परिवार की महिलाओं ने पूछा तो टाल गई. जब पुलिस पहुंची और टब देखा कि वह इतना छोटा था कि बच्ची खुद उसमें डूब नहीं सकती थी. दरवाजा भी बाहर से बंद था. सीसीटीवी में ऊपर जाते हुए सिर्फ एक ही व्यक्ति दिखाई दी वह पूनम ही थी. यहीं से कहानी पलट गई.
2023 की पहली वारदात: ननद की बेटी और अपने बेटे को मारा
पुलिस पूछताछ में जो सच निकला, उसने सबको हिला दिया. साल 2023 में सोनीपत के बोहड़ गांव में पहली हत्या हुई थी. पूनम की ननद की बेटी इशिका (11 साल) घर में खेल रही थी. पूनम ने मौका पाकर उसे हौद में डुबो दिया. संदेह से बचने के लिए उसने अपना 3 साल का बेटा शुभम भी उसी तरह मार दिया और कहानी बनाई शुभम गिर गया था, इशिका उसे बचाने के चक्कर में डूब गई. परिवार ने उसे हादसा मान लिया. आज पुलिस रिकॉर्ड में यही पूनम की पहली क्लिनिकल हत्या मानी जा रही है.
पढ़ी-लिखी थी, लेकिन दिमाग बीमार था
लोग यह जानकर और भी दंग हैं कि पूनम कम पढ़ी-लिखी नहीं थी. उसने एमए (पॉलिटिकल साइंस) किया था, व्यवहार साधारण महिलाओं से कहीं शांत लगता था. कोई झगड़ा नहीं, कोई तेज आवाज नहीं, किसी से कहासुनी नहीं. पर मानसिक बीमारी की आग अंदर ही अंदर भड़क रही थी. उसके लिए सुंदर बच्चा मतलब खतरा था. और खतरा खत्म करने का तरीका उसे पानी में डुबो देना.
परिवार में ही डूबकर क्यों मरते थे बच्चे? रिश्तेदारों ने उठाया सवाल
विधि की मौत के बाद जब परिवार में बैठकर पिछले दो वर्षों की घटनाओं पर बात हुई, तो सभी के दिमाग में एक ही सवाल आया कि हमारे ही परिवार में बच्चे बार-बार पानी में डूबकर ही क्यों मरते हैं? और ध्यान देने पर पता चला कि हर घटना के समय पूनम आसपास मौजूद थी. यहीं से परिवार ने पुलिस को अपनी आशंका दी, जिसके बाद पूनम से सख्ती से पूछताछ हुई और उसने चारों हत्याएं कबूल कर लीं.
प्रदीप रेढू