गुजरात कांग्रेस में मचे विवादों के बीच शंकर सिंह वाघेला ने पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी से बुधवार को मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक, शंकर सिंह वाघेला ने राहुल गांधी को आश्वस्त किया है कि वो कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे. गौरतलब है कि हाल ही में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात करने वाले वाघेला के कांग्रेस छोड़ने की खबरों का बाजार गर्म किया था. इसके पहले वाघेला ने ट्विटर पर राहुल गांधी को अनफॉलो भी करके माहौल को और गरमा दिया था. हालांकि इसके बाद गुजरात कांग्रेस के प्रभारी अशोक गहलोत ने गुजरात जाकर वाघेला से मुलाकात की, जिसके बाद वाघेला ने खुद भी कांग्रेस छोड़ने की अटकलों को खारिज किया था.
गुजरात में कांग्रेस नहीं देगी सीएम का चेहरा-
सूत्रों के मुताबिक गुजरात राज्य में कांग्रेस नेताओं की आपसी खींचतान के चलते राहुल ने वाघेला को भी दो टूक बात दिया है. कांग्रेस पार्टी गुजरात में किसी को भी मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बनाएगी. राहुल का मानना है कि पहले सभी नेता मिलजुल कर गुजरात में पार्टी को सत्ता में लाएं फिर सीएम आपस में बैठकर तय कर लिया जाएगा. मुख्यमंत्री पद के एक और बड़े दावेदार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी समेत तमाम नेताओं को भी राहुल पहले ही ये संदेश दे चुके हैं.
पहली चुनौती राज्यसभा का चुनाव-
आने वाले दिनों में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अंकगणित के लिहाज से एक सीट जीतने वाली है. ऐसे में कोई विधायक या नेता क्रॉस वोटिंग ना करे इसके लिए भी राहुल ने गुजरात के कांग्रेस प्रभारी अशोक गहलोत और अहमद पटेल से एक दिन पहले ही लम्बी चर्चा कर चुके हैं.
बिन मोदी के कांग्रेस की गुजरात जीतने की रणनीति-
दरअसल कांग्रेस को लगता है कि इस बार सीएम के तौर पर सामने नरेंद्र मोदी नहीं हैं. ऐसे में राहुल को केंद्र में रखने के बजाय राज्य के कांग्रेसी नेताओं को गुजरात बीजेपी नेतृत्व से लड़ाने की रणनीति है. जिससे गुजरात का विधानसभा चुनाव बीजेपी मोदी बनाम राहुल ना करनें पाए. कुल मिलाकर इस बार कांग्रेस की सियासत राज्य के नेताओं और राज्य के मुद्दों के ज़रिए एन्टी इनकंबेंसी का फायदा उठाकर गुजरात जीतने की है.
लेकिन अरसे से कांग्रेस नई नई रणनीति के तहत गुजरात में लड़ती रही है और मुहंकी खाती रही है. अब इस बार उसको लगता है कि, मौका है और सामने मोदी जी भी नहीं हैं.
कुमार विक्रांत