गुजरात मॉडल को लेकर दंभ भरने वाली सूबे की सरकार की पोल खुलती नजर आ रही है. गुजरात के सूरत में कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते वेटिंलेटर की कमी सामने आई है. उसपर भी हालात ये हैं कि वेंटिलेटर लेने के लिए सूरत महानगरपालिका ने कूड़ा ढोने वाले वाहन को भेजा.
गुजरात में कोरोना वायरस का संक्रमण बेहद तेजी से बढ़ रहा है. यहां लगातार दूसरे दिन 2800 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं. सूरत में फिर से सबसे ज्यादा 724 नए केस आए हैं. इसके चलते सूरत के सिविल अस्पतालों में वेंटिलेटर की कमी हो गई है.
वेंटिलेटर की कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने वलसाड शहर से 34 वेंटिलेटर भेजने का आदेश दिया लेकिन सरकारी तंत्र का खस्ताहाल रवैया यहां भी देखने को मिला. सूरत महानगरपालिका ने 34 वेंटिलेटर लेने के लिए कचरा ढोने वाले वाहन भेज दिए. रास्ते में जिसने भी यह दृश्य देखा, सिर पकड़कर रह गया.
वलसाड का प्रशासन भी इस मामले में सूरत प्रशासन से कम नहीं रहा. यहां भी अस्पताल से वेंटिलेटर उठाकर जस के तस कचरा वाहनों में लोड कर दिए गए. मामले के सामने आने के बाद से अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है.
सूरत में बढ़ी ऑक्सीजन की डिमांड
सूरत में कोरोना संक्रमितों की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ ऑक्सीजन पर रखे गए रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. सूरत सिविल और स्मीमेर अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर को सप्लाई करने वाले के मुताबिक, पिछले दो दिनों में शहर में 4,000 से 6,000 छोटे और बड़े सिलेंडर की मांग देखी गई है. सूरत में कोरोना संक्रमित मामले 67 हजार को पार कर गए हैं. ज्यादातर मरीजों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. जिसके कारण ऑक्सीजन की मांग भी बढ़ रही है.
ऑक्सीजन की मांग लगभग 200 टन है. सूरत के अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई करने वाले के अनुसार तीन दिन पहले 3500 ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग थी. जो अब बढ़कर 4900 के बाद 6000 सिलेंडर तक पहुंच गई है.
गौरतलब है कि सूरत सिविल अस्पताल में 388 मरीजों का इलाज चल रहा है. इनमें से 300 मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है. इनमें से 18 को वेंटिलेटर के सपोर्ट पर रखा गया है. जबकि 82 को बायपोप और 200 को ऑक्सीजन पर रखा गया है. जबकि स्मीमेर अस्पताल में 241 मरीजों का इलाज चल रहा है. जिसमें से 208 मरीजों की हालत गंभीर है. इनमें से 13 वेंटिलेटर पर, 42 बायपेप पर और 154 ऑक्सीजन पर रखा गया है.
वैक्सीनेशन के लिए महिलाओं को नोज पिन
गुजरात में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच ज्यादा से ज्यादा लोग कोरोना की वैक्सीन लगाने के लिए तैयार हो. इसलिए राजकोट में एक अलग ही तरह का अभियान शुरू किया गया. यहां सोनी समुदाय ने आम लोगों को टीका लगाने के लिए तोहफे देने की शुरुआत की हैं. कोरोना वैक्सीन लगाने वाली महिलाओं को सोने की नोज पिन और पुरुषों को हैंड ब्लेंडर दिए जा रहे हैं.
राजकोट के सोनी समाज के सहयोग से राजकोट नगर निगम द्वारा किशोर सिंहजी प्राथमिक विद्यालय में नि:शुल्क कोरोना टीकाकरण शिविर का आयोजन किया गया. इस शिविर में 751 महिलाओं को नोज पिन और 580 पुरुषों को टीकाकरण होने के बाद हैंड ब्लेंडर दिए गये.
बता दें कि गुजरात में अब तक 64,89,441 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज मिल चुकी है. जबकि 783043 लोगों को दूसरी डोज मिल चुका है. पिछले 24 घंटे में गुजरात में 2,77,888 लाख लोगों ने वैक्सीन लगवाई है.
गोपी घांघर