गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छवि सुधारने की सलाह दी है. मोदी ने आनंदीबेन से कहा है कि लोगों के बीच यह धारणा विकसित हो रही है कि उनके दोनों बच्चों का गुजरात सरकार में दखल बढ़ रहा है. इस छवि को खत्म करने की जरूरत है.
सरकारी कामकाज में बेटों का दखल
कुछ दिनों से पार्टी में ऐसी चर्चाएं जोरों पर थी कि आनंदीबेन के दोनों बच्चे अनर और श्वेतांक का पार्टी और सरकार में प्रभाव बढ़ता जा रहा है. इतना ही नहीं वे सरकार के कामकाज और फैसलों में भी दखलअंदाजी कर रहे हैं. इससे आनंदीबेन के राजनीतिक भविष्य को लेकर कई तरह की अटकलबाजी शुरू हो गई हैं. एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक पीएम मोदी ने आनंदीबेन पटेल से अपनी इस छवि को सुधारने के लिए कहा है.
विरोधियों पर छवि बिगाड़ने का आरोप
पार्टी के एक अधिकारी के मुताबिक सिर्फ गुजरात ही नहीं बल्कि दिल्ली में भी सरकारी कामकाज में आनंदीबेन के बच्चों की सरकार में बढ़ती भूमिका को लेकर चर्चाएं हो रही हैं. हालांकि अधिकारी ने यह भी कहा कि यह छवि पार्टी और विपक्ष में आनंदीबेन के विरोधियों ने बनाई है. असल में उनके बच्चे सरकारी काम में दखल नहीं देते हैं.
सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी ने बीती 25 जनवरी को इस मामले पर आनंदीबेन से बात की थी. इसी दिन अमित शाह को दोबारा बीजेपी अध्यक्ष चुना गया था. ऐसी भी खबरें आई कि बीजेपी में ही कई कार्यकर्ताओं ने आनंदीबेन की तुलना केशुभाई पटेल से करनी शुरू कर दी थी. केशुभाई पटेल को भी परिवार के बढ़ते प्रभाव और भ्रष्टाचार की वजह से पार्टी से हाथ धोना पड़ा था.
पेशे से व्यापारी हैं आनंदीबेन के बच्चे
आनंदीबेन ने मई 2014 में नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उसके कुछ दिन बाद से ही पार्टी में उनके बच्चों के बढ़ते दबदबे की खबरें आने लगी थीं. बता दें आनंदीबेन का बेटा श्वेतांक एक बिजनेसमेन है. श्वेतांक की कंपनी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में anar industries के नाम से लिस्टेड है. वहीं आनंदीबेन की बेटी अनर भी सोशल एंटरप्रेनर और बिजनेसवुमेन हैं. वह ऐसे कई ट्रस्ट चलाती हैं जो गरीब बच्चों के लिए काम करते हैं, और साथ ही हस्तशिल्प को भी बढ़ावा देते हैं.
प्रियंका झा