गुजरात के अमरेली जिले के सावरकुंडला क्षेत्र के थोरडी गांव में शेर के हमले से गांव में दहशत फैल गई. खेत में काम कर रहे मजदूर हीराभाई के छह वर्षीय बेटे गुलसिंह अजनार को एक शेर उठा कर ले गया. जब तक कोई कुछ समझ पाता, शेर बच्चे को जंगल की तरफ ले जा चुका था. सूचना मिलते ही सावरकुंडला वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. टीम को घटनास्थल से केवल बच्चे की खोपड़ी जैसे अवशेष मिले.
मृतक बच्चे के परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल है, पीड़ित पिता हीराभाई ने बताया कि दोपहर करीब ढाई बजे लड़के रोटी खाने जा रहे थे. तभी अचानक वहां शेर आया तो हम सब भागने लगे. शेर भी हमारे पीछे दौड़ा और एक लड़के को उठा ले गया.
6 साल की बच्ची को शेर उठा ले गया
वन विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शेर को नरभक्षी घोषित किया और उसे ट्रैंकुलाइज कर पिंजरे में डाल दिया. इस घटना के बाद क्षेत्र के किसानों और मजदूरों में गहरी नाराजगी है. स्थानीय किसान अशोक बरवालिया ने बताया कि घटना उस समय हुई जब मजदूर खेत में काम कर रहे थे और उनके बच्चे वहीं पास में खेल रहे थे. तभी शेर ने अचानक हमला किया.
गांव में डर और मातम का माहौल
किसान नेता महेश चोडवाडिया ने कहा कि अमरेली जिले के कई गांवों में शेरों के हमले की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. जाफराबाद और घनश्यामनगर में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं. उन्होंने कहा कि शेर हमारी शान हैं, लेकिन जब वे इंसानों पर हमला करने लगें तो यह चिंता की बात है. गांव में डर और मातम का माहौल है. मजदूर का परिवार बेहद दुखद स्थिति में है.
इस दर्दनाक घटना पर वन विभाग के अधिकारी शेत्रुंजी गिर ने बताया कि यह घटना कैसे हुई. इसका पता लगाने की कोशिश की जा रही है. स्थानीय लोगों से अपील है कि अगर शेरों की कोई गतिविधि हो तो तुरंत ही वन विभाग को सूचित करें. जहां बच्चे पर हमला किया था वहीं से शेर को ट्रेक किया गया और ट्रैंक्विलाइज़र से बेहोश करके पिंजरे में कैद करके उसे रेस्क्यू सेंटर भेज दिया गया.
(रिपोर्ट- फारूक कादरी)
ब्रिजेश दोशी