गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले पाटीदार आंदोलन को हवा देने वाले हार्दिक पटेल पिछले करीब 10 दिन से अनशन पर बैठे हैं. हार्दिक पटेल ने अपनी अनिश्चिकालीन भूख हड़ताल के नौवें दिन रविवार को अपनी वसीयत जारी की.
आरक्षण और किसानों की ऋण माफी की मांग को लेकर अनशन पर बैठे हार्दिक ने अपनी वसीयत में अपनी सारी संपत्ति का वारिस अपने माता-पिता को बताया है. इसके अलावा उनकी वसीयत में क्या है, पढ़ें...
# वसीयत में माता-पिता को बताया वारिस
# एक कार के मालिक हैं, एक इंश्योरेंस पॉलिसी भी हार्दिक के नाम
# हार्दिक पर लिखी जा रही किताब 'Who Took My Job' की 15 फीसदी रॉयल्टी माता-पिता को, 15 फीसदी बहन को और बाकी की सारी रॉयल्टी आरक्षण आंदोलन में मारे गए युवाओं के परिवार को.
# मौत के बाद नेत्रदान की इच्छा
# अभी 50,000 कैश उनके पास, जिसमें से 20 हजार मां-बाप और 30 हजार गोशाला को दिया जाएगा.
तृणमूल कांग्रेस, राकांपा और राजद समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और प्रतिनिधियों ने पिछले नौ दिनों में पटेल से मुलाकात की है. हालांकि भाजपा सरकार ने अभी तक हस्तक्षेप नहीं किया है.
बता दें कि हार्दिक अपने घर पर अनशन पर इसलिए बैठे हैं क्योंकि उन्हें स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार से अहमदाबाद में अनशन की इजाजत नहीं मिली है.
गोपी घांघर