डिजिटल अरेस्ट, लाखों की ठगी और फिर पैसा वापस...सूझबूझ से ऐसे लौट आई बुजुर्ग की रकम

खेड़ा जिले के रिटायर्ड नागरिक प्रमोद भाई कपाड़िया ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर साइबर ठगी का शिकार हो गए थे. ठगों ने उनसे 3.10 लाख रुपये वसूल लिए, लेकिन समय रहते बैंक, 1930 हेल्पलाइन और साइबर पुलिस की मदद लेने से करीब एक महीने में पूरी रकम वापस मिल गई.

Advertisement
डिजिटल अरेस्ट, लाखों की ठगी और फिर पैसा वापस (Photo: Representational Image डिजिटल अरेस्ट, लाखों की ठगी और फिर पैसा वापस (Photo: Representational Image

हेताली शाह

  • खेड़ा,
  • 24 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:56 AM IST

गुजरात के खेड़ा जिले के रहने वाले प्रमोद भाई कपाड़िया, अपनी रिटायरमेंट लाइफ शांति से जी रहे थे, लेकिन एक फोन कॉल ने उनकी रातों की नींद उड़ा दी. उन्हें 'डिजिटल अरेस्ट' किया गया, डराया गया और लाखों की ठगी की गई. लेकिन प्रमोद भाई ने हार नहीं मानी. आइए देखते हैं कैसे उन्होंने सूझबूझ और साइबर पुलिस की मदद से अपने पैसे वापस हासिल किए.

साल 2024 की एक दोपहर. प्रमोद भाई कपाड़िया अपने घर पर थे, तभी एक अनजान नंबर से फोन आता है. फोन करने वाला शख्स खुद को 'दिल्ली क्राइम ब्रांच' का पुलिस अधिकारी बताता है. वह प्रमोद भाई पर आरोप लगाता है कि उनके नाम से लिए गए एक फोन से अवैध मैसेज भेजे जा रहे हैं और उनके अकाउंट से संदिग्ध लेन-देन हुए हैं. यह सुनकर प्रमोद भाई घबरा गये. उन्होंने इतनी सख्ती से बात की कि उन्हे लगा सच में कुछ गलत हो गया है. उन्होंने इतना डराया कि अगर पैसे नहीं दिए तो गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

Advertisement

ठगों ने प्रमोद भाई को 'डिजिटल अरेस्ट' के झांसे में ले लिया. डर के मारे प्रमोद भाई ने अपनी बरसों की जमा पूंजी, जो उन्होंने FD (फिक्स्ड डिपॉजिट) करवा कर रखी थी, उसे तोड़ दिया और कुल 3 लाख 10 हजार रुपये ठगों के बताए अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए. लेकिन लालच की कोई सीमा नहीं होती. ठगों ने जब दोबारा पैसों की मांग की, तब प्रमोद भाई के मन में शक की घंटी बजी.

प्रमोद भाई ने तुरंत अपने एक करीबी मित्र से सलाह ली. वे सीधे बैंक पहुंचे और अपनी शंका जाहिर की. बैंक ने उन्हें बिना वक्त गवाए साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करने और नजदीकी साइबर पुलिस स्टेशन जाने की सलाह दी. ​प्रमोद भाई अपने दोस्त के साथ साइबर थाने पहुंचे. वहां पुलिस ने उनकी बात सुनी, सारे दस्तावेज लिए और तुरंत FIR दर्ज की.

पुलिस की जांच और बैंकिंग सिस्टम के त्वरित एक्शन का नतीजा सुखद रहा. करीब एक महीने की कानूनी प्रक्रिया के बाद, प्रमोद भाई के खाते में उनके 3,10,000 रुपये वापस आ गए. आज प्रमोद भाई राहत की सांस ले रहे हैं और साइबर पुलिस व 1930 हेल्पलाइन की सराहना करते नहीं थक रहे. प्रमोद भाई की ये जीत हर उस नागरिक के लिए सबक है जो डिजिटल ठगी का शिकार होता है.
 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement