बिटकॉइन केस में दोषी पुलिसकर्मियों को किया जाएगा सस्पेंड: गुजरात के मंत्री

शैलेष भट्ट की शिकायत के मुताबिक, अमरेली पुलिस और स्टेट सीबीआई अधिकारी ने उसे एनकाउंटर करने की धमकी देकर 17 करोड़ रुपए वसूल लिए. भट्ट का आरोप है कि इनमें से 5 करोड़ रूपए स्टेट सीबीआई अधिकारी सुनील नायर ने लिए हैं.

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गोपी घांघर / केशवानंद धर दुबे / मोनिका गुप्ता

  • अहमदाबाद,
  • 10 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 11:20 AM IST

गुजरात में बिटकॉइन (डिजिटल करेंसी) मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. गुजरात के गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा  ने कहा कि जो पुलिसकर्मी इस पूरे मामले में अपहरण कर फिरौती वसूलने में शामिल थे उन सभी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया जाएगा. इस केस में शामिल सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ दोषी पाए जाने पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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दरअसल, अमरेली पुलिस ने सूरत के बिल्डर और कारोबारी शैलेष भट्ट को अगवा कर 12 करोड़ रुपए के 200 बिटकॉइन अपने अकाउंट में ट्रांसफर करवाए. शैलेष भट्ट की शिकायत के मुताबिक, अमरेली पुलिस और स्टेट सीबीआई अधिकारी ने उसे एनकाउंटर करने की धमकी देकर 17 करोड़ रुपए वसूल लिए. भट्ट का आरोप है कि इनमें से 5 करोड़ रूपए स्टेट सीबीआई अधिकारी सुनील नायर ने लिए हैं. वहीं 200 बिटकॉइन के 12 करोड़ रुपए इंस्पेक्टर अनंत पटेल और एसपी जगदीश पटेल की जेब में गए.

गौरतलब है कि इस मामले में जांच कर रही सीआईडी क्राइम ने गुजरात पुलिस के तीन पुलिसकर्मी को गिरफ्तार किया है. जबकि प्रमुख आरोपी अमरेली इंस्पेक्टर (लोकल क्राइम ब्रांच) अंनत पटेल इस मामले में फरार है.

कैसे हुआ घटनाक्रम?

शैलेष भट्ट का कहना है कि 2016 में जब नोटबंदी हुई तो उसके सामने ये सवाल था कि अपने पास मौजूद पैसे को कहां इन्वेस्ट करे. ऐसे में भट्ट अपने एक जानने वाले के जरिए सूरत के व्यापारी किरीट पालडीया के संपर्क में आया. पालडीया ने भट्ट को बिटकॉइन में पैसा लगाने की सलाह दी. थोड़े थोड़े कर भट्ट के पास 200 बिटकॉइन इकट्ठा हो गए. 

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सीआईडी क्राईम विभाग को दी शिकायत में भट्ट ने आरोप लगाया कि एक दिन सीबीआई अधिकारी सुनील नायर ने अचानक फोन कर धमकाया और गांधीनगर सीबीआई दफ्तर में बुलाया. भट्ट के मुताबिक वहां टॉर्चर रूम में बेतहाशा पिटाई की गई और  फिर सुनील नायर ने उसे सीबीआई से छोड़ने के लिए 10 करोड रूपए की  मांग की. हालांकि बड़ी मिन्नत करने पर 5 करोड़ रुपए पर समझौता हुआ. भट्ट का कहना है कि सुनील नायर को आंगड़िया के जरिए 5 करोड़ रुपया दिया गया. इसके बाद भट्ट को छोड़ दिया गया. भट्ट का कहना है कि कोई दूसरा अधिकारी परेशान ना करे इसलिए वो सुनील नायर के पास एनओसी लेने गया तो नायर ने उसे एनओसी नहीं दी. लेकिन उसके बाद एक घटना और घटी.  

पेट्रोल पंप से किया गया अगवा

भट्ट के आरोप के मुताबिक, गांधीनगर के पास एक पेट्रोल पंप से अमरेली पुलिस ने उन्हें उठा लिया. भट्ट को अपने अपहरण की आशंका उस वक्त ही जब उन्हें पुलिस थाने ना ले जाकर गांधीनगर के एक फॉर्महाउस में ले जाया गया. वहां उसे टॉर्चर करने के साथ धमकी दी गई कि अगर 200 बिटकॉइन ट्रांसफर नहीं किए तो एनकाउंटर में मार दिया जाएगा. भट्ट का कहना है कि फिर उससे किरीट पालडीया के खाते में 200 बिटकॉइन ट्रांसफर कराए गए जिसकी कीमत तब 12 करोड़ रुपए थी. 

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बता दें कि शैलेष भट्ट के मुताबिक उसके पास सारे सबूत मौजूद है. सीआईडी क्राइम विभाग ने आईपीसी की धारा 364-ए (फिरौती के लिए अपहरण), 342 (बंधक बनाना), 365 (फिरौती), 166 (जनसेवक की तरफ से कानून का उल्लंघन) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत केस दर्ज किया गया है.

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