गुजरात: एक वोट से टिका चौथी राज्यसभा सीट का चुनाव, कांग्रेस-BJP कौन मारेगा बाजी?

गुजरात में राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच शह-मात का खेल जारी है. गुजरात का समीकरण ऐसा हो गया है कि एक विधायक के समर्थन पर राज्यसभा का चुनाव टिक गया है. एक विधायक के इधर-उधर होने से किसी की जीत तो किसी की हार तय होगी.

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कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल और सीएम विजय रुपाणी कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल और सीएम विजय रुपाणी

कुबूल अहमद

  • नई दिल्ली,
  • 16 जून 2020,
  • अपडेटेड 2:06 PM IST

  • गुजरात की 4 राज्यसभा सीटों पर 19 जून को होंगे चुनाव
  • कांग्रेस को अपने दोनों उम्मीदवार को जिताने की चुनौती

गुजरात की चार राज्यसभा सीटों पर पांच प्रत्याशी के मैदान में उतरने और कांग्रेस विधायकों के बगावत के बाद बीजेपी के हौसले बुलंद है. इसके बावजूद कांग्रेस ने अभी भी अपने दोनों उम्मीदवार को जिताने की आस छोड़ी नहीं है. कांग्रेस और बीजेपी के बीच शह-मात का खेल जारी है. गुजरात का समीकरण ऐसा हो गया है कि एक विधायक के समर्थन पर राज्यसभा का चुनाव टिक गया है. एक विधायक के इधर-उधर होने से किसी की जीत तो किसी की हार तय होगी.

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गुजरात में 19 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए बीजेपी की ओर से राज्यसभा के लिए अभय भारद्वाज और रमीलाबेन बारा के साथ तीसरे कैंडिडेट के तौर पर नरहरी अमीन मैदान में हैं. वहीं, कांग्रेस की ओर से राज्यसभा के लिए शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी किस्मत आजमा रहे हैं. बीजेपी ने ऐसी सेंधमारी की कि कांग्रेस का समीकरण पूरी तरह से गड़बड़ा गया है.

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दरअसल, 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन उसके बाद वह एकजुट नहीं रही. कांग्रेस के आठ विधायक इस्तीफा दे चुके हैं, जिसके चलते पार्टी के पास 65 विधायक बचे हैं. वहीं, बीजेपी के पास 103 विधायक हैं जबकि बीटीपी के 2, एनसीपी के एक और एक निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी हैं. हालांकि, कांग्रेस के विधायक इस्तीफा नहीं दिए होते तो पार्टी के दोनों उम्मीदवार आसानी से जीत हासिल कर लेते, लेकिन अब मामला फंस गया है.

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गुजरात में एक राज्यसभा सीट को जितने के लिए 35 के वोट की समर्थन की जरूरत पड़ेगी. इस लिहाज से कांग्रेस को दोनों सीटों पर जीत के लिए करीब 70 वोटों की जरूरत है. कांग्रेस जीत के लिए बीटीपी और एनसीपी के एक-एक विधायक और निर्दलीय जिग्नेश मेवानी के समर्थन की आस लगाए हुए है, पर इन तीनों ने अभी तक अपना पत्ता नहीं खोला है. बीटीपी के प्रमुख छोटू वसावा कांग्रेस और बीजेपी दोनों को लेकर सख्त तेवर अख्तियार किए हुए हैं.

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हालांकि, कांग्रेस इन चारों विधायकों का समर्थन जुटाने में कामयाब रहती है तो पार्टी का यह आंकड़ा 69 पहुंच जाएगा. इसके बाद भी कांग्रेस को अपने दूसरे कैंडिडेट की जीत के लिए एक वोट की कमी पड़ रही है. कांग्रेस ने शक्ति सिंह गोहिल को प्रथम कैंडिडेट बनाकर उनकी राह को आसान कर दिया है, लेकिन भरत सिंह सोलंकी को अपनी सीट जीतने में कड़ी मशक्कत करनी होगी.

वहीं, बीजेपी की दो सीटों पर जीत पूरी तरह से कन्फर्म हैं, लेकिन तीसरी सीट पर जीत के लिए पार्टी को दो विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी. बीजेपी के तीन विधायक कोरोना से पीड़ित हैं. इस तरह से बीजेपी की चिंता बढ़ गई है. बीजेपी ने कोरोना पॉजटिव विधायकों के वोट डालवाने के लिए अलग से व्यवस्था करने की मांग की है, लेकिन चुनाव आयोग की तरफ से अभी तक इस दिशा में कोई फैसला नहीं आया है. इसके अलावा बीजेपी गुजरात में बीटीपी और एनसीपी विधायक के समर्थन की उम्मीद लगाए हुए है. इस तरह से गुजरात का राज्यसभा चुनाव एक बार फिर 2017 की तरह फंस गया है. देखना है कि इस बार बाजी किसके हाथ लगती है.

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