गुजरात और देश का गौरव माने जाने वाले एशियाई शेरों की संख्या बढ़कर 891 हो गई है. गुजरात सरकार ने शेरों की गिनती के नए आंकड़े जारी किए हैं, जिसमें बताया गया कि गिर नेशनल पार्क के बाहर शेरों की संख्या अधिक है.
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शेरों की गिनती के बाद नए आंकड़े जारी किए. साल 2020 में 674 शेर थे, जो अब बढ़कर 891 हो गए हैं. इनमें 196 शेर, 330 शेरनियां और 225 शावक शामिल हैं. इस साल 10 से 13 मई 2025 के बीच अत्याधुनिक तकनीक से शेरों की गिनती की गई, जिसके आधार पर यह आंकड़ा जारी किया गया. CM ने कहा कि शेरों के संरक्षण के लिए सरकार द्वारा किया गया निवेश लाभकारी सिद्ध हुआ है, जिसके कारण उनकी संख्या लगातार बढ़ रही है.
गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेरों की गिनती के लिए हाईटेक तकनीक की शुरुआत की थी, जिसे अब और उन्नत किया गया है.
गुजरात वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. एपी सिंह ने बताया कि प्रोजेक्ट लायन की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने की थी. इस परियोजना में शेरों के संरक्षण और उनके लिए बेहतर सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. नए रेस्क्यू सेंटर बनाए जाएंगे और लोगों में जागरूकता बढ़ाने के प्रयास होंगे ताकि मानव-शेर संघर्ष को रोका जा सके.
डॉ. सिंह ने कहा कि गिर नेशनल पार्क में शेरों की संख्या 384 हो गई है, लेकिन पार्क के बाहर शेरों की संख्या इससे कहीं अधिक, लगभग 500 से ज्यादा, है. इससे पता चलता है कि शेर पार्क के बाहर नए क्षेत्रों में जा रहे हैं, जो उनके लिए अनुकूल साबित हो रहे हैं. यही कारण है कि उनकी संख्या वहां लगातार बढ़ रही है. गुजरात के 11 जिलों की 58 तहसीलों में शेरों की उपस्थिति दर्ज की गई है. जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरेली, भावनगर, द्वारका, पोरबंदर और राजकोट जिलों में शेर पाए गए हैं.
ब्रिजेश दोशी