गुजरात: तेंदुए से भी ज्यादा तेज, अपने गांव का हीरो है ये 'शिकारी' मुर्गा

पांचवें तेंदुए को पकड़वाने के क्रम में उसे अपना एक पंख भी गंवाना पड़ा, लेकिन तेंदुए की फुर्ती के आगे इस मुर्गे की तेजी देखकर हर कोई हैरत में है.

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नवसारी गांव का बहादुर मुर्गा नवसारी गांव का बहादुर मुर्गा

स्‍वपनल सोनल / गोपी घांघर

  • नवसारी ,
  • 29 मई 2016,
  • अपडेटेड 12:03 AM IST

गुजरात के नवसारी में बीते 5 महीनों से तेंदुए का आतंक है. इस दौरान यहां सिर्फ नांदरखा गांव से छह तेंदुओं को पकड़ा जा चुका है. खौफ का आलम यह है कि लोग घरों से बाहर निकलने से भी कतराते हैं. लेकिन इन सब के बीच गांव में चर्चा एक मुर्गे की हो रही है. यह लाजिमी भी है कि क्योंकि यह मुर्गा आम से खास हो चला है और इसके बहादुरी के किस्से दूर तक फैल चुके हैं.

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दरअसल, वन विभाग के अधि‍कारी तेंदुए को पकड़ने के लिए एक नियत जगह पर पिंजड़ा रख देते हैं. इस पिंजड़े तक तेंदुए को लाने के लिए इसमें एक शि‍कार भी रखना पड़ता है. शि‍कार के तौर पर वन विभाग के कर्मी मुर्गे को पिंजड़े में रखते हैं. आम तौर पर होता यह है कि तेंदुआ पिंजड़े में तो फंस जाता है और मुर्गा उसका शि‍कार बन जाता है. लेकिन गांव में एक मुर्गा ऐसा भी है, जिसने अब तक 6 तेंदुए को पकड़वाया है.

पंख गंवा दिया, लेकिन तेंदुआ पकड़वाया
हालांकि पांचवें तेंदुए को पकड़वाने के क्रम में उसे अपना एक पंख भी गंवाना पड़ा, लेकिन तेंदुए की फुर्ती के आगे इस मुर्गे की तेजी देखकर हर कोई हैरत में है. गांव के लोग इसे 'शि‍कारी मुर्गा' बुलाने लगे हैं. वन विभाग के लिए जहां अब यह लकी मुर्गा बन गया है, वहीं गांव वाले मुर्गे को खिला-पीला पर फिट रखने की कोशि‍श करते हैं.

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76 तेंदुए के होने की संभावना
हाल ही इस गांव में एक 4 साल का तेंदुआ भी पकड़ा गया है. वनकर्मी बताते हैं कि इलाके में और भी तेंदुए के होने की जानकारी है, लिहाजा विभाग की ओर से फिर से पिंजड़ा रखा जाएगा. इस साल जनवरी से लेकर मई महीने तक गांव में 6 तेंदुए पकड़े गए हैं. वन विभाग के सर्वे में सूरत नवसारी और वलसाड के गांवों में तकरीबन 76 तेंदुए के होने की आशंका है.

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