गुजरात में चांदीपुरा वायरस से अब तक 8 की मौत, जानिए इसके लक्षण और इलाज

चांदीपुरा वायरस से गुजरात में अब तक 8 मौत हो चुकी है. चांदीपुरा वायरस एक RNA वायरस है, जो सबसे ज्यादा मादा फ्लेबोटोमाइन मक्खी से फैलता है. इसके फैलने के पीछे मच्छर में पाए जाने वाले एडीज जिम्मेदार हैं. साल 1966 में पहली बार महाराष्ट्र में इससे जुड़ा केस मिला था.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

ब्रिजेश दोशी

  • अहमदाबाद,
  • 16 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 5:31 PM IST

कुछ साल पहले पूरी दुनिया में आई कोरोना वायरस महामारी के बाद अब एक नए वायरस ने दस्तक दी है. इसको चांदीपुरा वायरस कहा जा रहा है. चांदीपुरा वायरस से गुजरात में अब तक 8 मौत हो चुकी है. गुजरात में 8500 से ज्यादा घरों और 47 हजार से ज्यादा लोगों का स्क्रीनिंग किया गया है. राज्य सरकार ने सभी के लिए एडवाइजरी जारी की है. अब तक कुल 14 केस सामने आए हैं, जिनमें 8 की मौत हो चुकी है. चांदीपुरा वायरस की खबर आने के बाद से पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है. देश की हेल्थ एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं. 

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क्या है चांदीपुरा वायरस
चांदीपुरा वायरस एक RNA वायरस है, जो सबसे ज्यादा मादा फ्लेबोटोमाइन मक्खी से फैलता है. इसके फैलने के पीछे मच्छर में पाए जाने वाले एडीज जिम्मेदार हैं. साल 1966 में पहली बार महाराष्ट्र में इससे जुड़ा केस मिला था. नागपुर के चांदीपुर में इस वायरस की पहचान हुई थी, इसलिए इसका नाम चांदीपुरा वायरस पड़ गया. इसके बाद इस वायरस को साल 2004 से 2006 और 2019 में आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में रिपोर्ट किया गया.

चांदीपुरा वायरस से 15 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा शिकार होते हैं. इस उम्र के बच्चों में ही सबसे ज्यादा मृत्यु दर देखी गई है. चांदीपुरा के इलाज के लिए अभी तक कोई भी एंटी वायरल दवा नहीं बनाई जा सकी है.

क्या हैं चांदीपुरा वायरस के लक्षण?
चांदीपुरा वायरस होने से रोगी को बुखार की शिकायत होती है. इसमें फ्लू जैसे ही लक्षण होते हैं और तेज एन्सेफलाइटिस होती है. एन्सेफलाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जिससे दिमाग में सूजन की शिकायत होती है.

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