गुजरात: शौच करने गए मजदूर पर शेर ने किया हमला, इलाके में दहशत

गुजरात के अमरेली में एक मजदूर को शेर ने अपना शिकार बनाया. डाभाली के पास मजदूर सुबह शौच के लिए गया था, तभी शेर ने हमला कर दिया. फिलहाल मजदूर का पैंट और जमीन पर खून के निशान मिले हैं. इस हादसे के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है.

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सांकेतिक तस्वीर-(India Today file) सांकेतिक तस्वीर-(India Today file)

गोपी घांघर

  • अमरेली ,
  • 23 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:03 PM IST

  • शेर के हमले का डट कर सामना किया
  • इलाके में शेर के हमले के बाद दहशत

गुजरात के अमरेली में शेर ने सोमवार सुबह एक मजदूर को अपना शिकार बना डाला. डाभाली के पास मजदूर सुबह शौच के लिए गया था, तभी शेर ने उस पर हमला कर दिया. जिसके बाद इस मामले की सूचना वनविभाग को दी गई. वनविभाग ने छानबीन कर शेर को पकड़ लिया है.

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घटना की सूचना पाकर मौके पर वन विभाग की टीम पहुंची, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी मौके पर पर मजदूर का पैंट और जमीन पर खून के निशान मिले. मजदूर के शिकार बनाने की सूचना मिलने के वनविभाग की टीम ने शेर को तलाशना शुरु किया. कुछ देर बाद वनविभाग को वहीं पास में ही शेर मिला गया. जिसके बाद वनविभाग ने आदमखोर शेर को बेहोश कर पिंजरे में बंद कर लिया.

वनविभाग का कहना है कि शेर की उम्र 3 से 5 साल की है. वनविभाग का लोगों का मानना है कि अब शेर को ताउम्र पिंजरे में ही रखा जाएगा. माना जाता है कि एक बार शेर अगर आदमखोर हो जाता है तो वो ता उम्र पिंजरे में बंद रहता है, वरना वो इन्सान पर हमला कर सकता है. फिलहाल शेर को वनविभाग ने पिंजरे में बंद कर दिया है, अब गांव के आसपास के लोगों ने भी राहत की सांस ली है.

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क्या है पूरा मामला?

एक वन अधिकारी के अनुसार, अमरेली में आज सुबह हुई इस घटना में शेर का शिकार बनने से पहले 55 साल के कडुभाई भीलड़ ने शेर के साथ खासा संघर्ष किया, लेकिन उसकी कोशिश नाकाम रही. उन्होंने आगे कहा कि शेर का एक बच्चा जिसकी उम्र करीब 3 से 5 साल की रही होगी ने, कडुभाई भीलड़ पर हमला कर दिया. कडुभाई भीलड़ उस समय शौच के लिए गए हुए थे.

उन्होंने बताया कि कडुभाई भीलड़ गिर फॉरेस्ट क्षेत्र के दलखानिया रेंज के तहत जीरा गांव में अपने घर से कुछ ही दूरी पर शौच के लिए गए थे. करीब 6 बजे की यह घटना है और शेर के हमले में एक आदमी मारा गया.

जूनागढ़ के मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव), दुष्यंत वसावाड़ा ने कहा कि शव को धारी सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.

गिर का जंगल एशियाई शेरों का निवास स्थान

पिछले साल अक्टूबर में गिर के जंगल के दल्खनिया रेंज में कैनाइन डिस्टेंपर वायरस का व्यापक प्रकोप देखा गया. इस क्षेत्र में कई शेर भी मारे गए. गिर का जंगल एशियाई शेरों का एकमात्र निवास स्थान है.

2015 में शेरों की अंतिम जनगणना के अनुसार, राज्य में लगभग 523 शेर थे. राज्य में ज्यादातर शेर जूनागढ़ के वन क्षेत्रों, गिर-सोमनाथ, अमरेली और भावनगर जिले में रहते हैं.

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