उफनती लहरें और शिवलिंग, ये तस्वीरें बता रही हैं अभी टला नहीं 'वायु' का खतरा

NDRF डीजी ने चक्रवात वायु को लेकर कहा कि अभी 24 घंटे लोग इंतजार करें. अफवाहों पर विश्वास ना करें और धैर्य से शेल्टर कैंप में रहें. मौसम विभाग ने भी कहा है कि लैंडफॉल नहीं हो रहा है लेकिन हवा की स्पीड तेज होगी और देर तक रुकेगी.

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माधवपुर में शिवलिंग तक पहुंची समुद्री लहरें (फोटो: आशुतोष मिश्रा) माधवपुर में शिवलिंग तक पहुंची समुद्री लहरें (फोटो: आशुतोष मिश्रा)

जितेंद्र बहादुर सिंह / आशुतोष मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 13 जून 2019,
  • अपडेटेड 1:41 PM IST

गुजरात पर अभी भी चक्रवात वायु का खतरा टला नहीं है. अगले 24 घंटे राज्य के लिए बेहद अहम हो सकते हैं. गुजरात के तटीय क्षेत्र में अभी तेज हवाएं चल रही हैं और बारिश हो रही है. इस बीच समंदर अभी अपना विकराल रूप ले रहा है. राज्य में सुरक्षा के लिए लगे हुए NDRF के डीजी एसएन प्रधान ने कहा है कि अगले 24 घंटे अहम हैं. बता दें कि राज्य में 52 से अधिक NDRF की टीमें तैनात हैं. गुजरात के तटीय इलाकों में अभी भी अलर्ट जारी है.

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आजतक से बात करते हुए उन्होंने कहा कि खतरा अभी टला नहीं है इसलिए कोई भी व्यक्ति तटवर्ती इलाके में ना जाए. उन्होंने कहा कि अभी 24 घंटे लोग इंतजार करें. अफवाहों पर विश्वास ना करें और धैर्य से शेल्टर कैंप में रहें. मौसम विभाग ने भी कहा है कि लैंडफॉल नहीं हो रहा है लेकिन हवा की स्पीड तेज होगी और देर तक रुकेगी.

चक्रवात वायु से पहले तटीय इलाकों में स्थिति गंभीर बनी हुई हैं. समंदर में ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं. यहां माधवपुर के मशहूर शिव मंदिर के पास तट पर बने शिवलिंग को समंदर की लहरें छू रही हैं. प्रशासन की तरफ से लगातार लोगों को समंदर के पास ना जाने की चेतावनी दी गई है लेकिन इसके बावजूद लोग वहां पर पहुंच रहे हैं.

जिस मंदिर में ये शिवलिंग मौजूद है इसका पुराना इतिहास है. पोरबंदर के पास पौराणिक शहर माधवपुर जहां कृष्ण और रुकमणी का प्रेम विवाह हुआ था उस मंदिर में आज विशेष पूजा का आयोजन किया जा रहा है. कृष्ण भक्तों को उम्मीद है कि जब 1987 के सूखे में कृष्ण रुकमणी ने इस शहर को बचाया तो वायु साइक्लोन से भी कृष्ण शहर को बचाएंगे.

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गौरतलब है कि पहले ऐसा कहा जा रहा था कि चक्रवात वायु का असर पूरे राज्य में दिख सकता है लेकिन अब वायु की दिशा बदल गई है. इस वजह से खतरा अब सिर्फ तटीय इलाकों में ही है, यानी सौराष्ट्र के आसपास वाले क्षेत्र में. राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार की तरफ से भी इस पर नजरें बनी हुई हैं. किसी भी अनहोनी का सामना करने के लिए NDRF की 52, SDRF की 9, SRP की 14 कंपनियां तैनात हैं.

देखें अभी कहां पर है चक्रवात वायु...

 

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