नया मोटर व्हीकल एक्ट किस तरह एक व्यक्ति को परेशान कर सकता है, उसका जीता-जागता उदाहरण गुजरात के सूरत में देखने को मिला है. गुजरात में सूरत के रहने वाले 65 साल के ऑटो चालक सरफराज शेख नए मोटर व्हीकल एक्ट से इतने परेशान हो गए कि आत्महत्या कर ली.
सरफराज शेख पिछले कई सालों से सूरत में ऑटो चलाने का काम करते थे. इसी से उनके पूरे परिवार का गुजारा होता था. लेकिन जब से नया कानून आया, वो ट्रैफिक के चालान से परेशान हो गए.
जब भी पुलिस उन्हें पकड़ती थी उन पर 500 रुपए का जुर्माना लगता था. ऐसे में रोजाना जहां 500 रुपए कमा नहीं पाते थे, वहीं 500 रुपए जुर्माने के तौर पर देना उनके लिए मुश्किल हो जाता था.
चौंकाने वाली बात यह है कि सरफराज ने गुजराती में सुसाइड नोट भी लिखा है. इसमें उन्होंने लिखा है कि जब कभी पुलिस उनहें पकड़ती है तो 500 रुपए का जुर्माना लेती है जिससे उनका जीना मुश्किल हो गया है.
खुदकुशी करने वाले बुजुर्ग ने घरवालों के लिए लिखा है कि ऑटो किराए पर मत देना, बल्कि ऑटो बेचकर उनका अंतिम संस्कार कर देना.
साथ ही लिखा है कि उनकी मौत का जिम्मेदार उनके घर वाले नहीं बल्की मोदी सरकार है, जो नया मोटर व्हीकल एक्ट लेकर आई है. तभी से पुलिस उन्हें लगातार मेमो देती रही है. वो भी 50 या 100 रुपए नहीं होता, बल्कि 500 रुपए जुर्माना देना पड़ता है. यह उन्हें काफी भारी पड़ता है.
पुलिस को सरफराज का सुसाइड नोट मिल गया है और पुलिस अब ये भी जांच कर रही है कि अब तक उन्हें जुर्माने के तौर पर कितने पैसे देने पड़े हैं.
गोपी घांघर