अब गुजरात में एक पिता बना दाना मांझी, 14 साल के बेटे का शव कंधे पर लेकर चल पड़ा

बेटे को खो चुके पिता ने अस्पताल प्रशासन से एंबुलेंस से शव को पहुंचाने की गुहार लगाई लेकिन पैसे नहीं होने की वजह से अस्पताल ने कोई मदद नहीं की.

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अस्पताल प्रशासन तलब अस्पताल प्रशासन तलब

गोपी घांघर

  • अहमदाबाद,
  • 03 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 10:32 AM IST

ओडिशा के दाना मांझी की कहानी अभी लोगों के दिमाग से उतरी भी नहीं थी कि गुजरात के पंचमहल में इसी तरह का मामला सामने आया है. पंचमहल जिले के डांग में एक पिता को अपने बेटे का शव कंधे पर रखकर अस्पताल में लेने जाने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि उसके पास एंबुलेंस का किराया नहीं था.

दाहोद का रहने वाला ये शख्स डांग में दिहाड़ी मजदूरी करके परिवार का पेट पालता था. इसके 14 साल के बेटे मिनेश की अचानक तबीयत बिगड़ गई और ये उसे लेकर डांग के सामूहिक आरोग्य केन्द्र गए, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. जिसके बाद अस्पताल ने शव को ले जाने के लिए फरमान सुना दिया. बेटे को खो चुके पिता ने अस्पताल प्रशासन से एंबुलेंस से शव को पहुंचाने की गुहार लगाई लेकिन पैसे नहीं होने की वजह से अस्पताल ने कोई मदद नहीं की.

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आखिरकार इस पिता ने अपने बेटे के शव को कंधे पर उठाकर घर के लिए चल दिया. जब वो अस्पताल से निकलकर डांग शहर को पार कर रहा था तभी कुछ लोगों की इनपर नजर पड़ी और वो मदद के लिए आगे आए. फिर एक प्रावइेट वाहन के जरिए शव को घर तक पहुंचवा दिया गया.

वहीं इस पूरे मामले के बारे में जिले के कलेक्टर को पता चलते ही उन्होंने सीएचसी सेंटर के डॉक्टर और स्टाफ को तलब किया है. वहीं इलाके में इस खबर को फैलते ही प्रशासन ने भी पीड़ित परिवार से संपर्क किया और उसे हरसंभव मदद का भरोसा दिया है.

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