सरकारी दावों की खुली पोल, आधे घंटे की बारिश में फिर तालाब बनी दिल्ली

सरकारी एजेंसियां कितनी लापरवाह हैं इसका अंदाजा इस बात से लग जाएगा कि 3 दिन पहले शुक्रवार को जिस जगह जलजमाव की वजह से 3 डीटीसी बसें पानी में डूब गई थीं, सोमवार को थोड़ी सी बारिश में एक बार फिर से उसी जगह डीटीसी बस दोबारा से डूब गई.

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पानी में डूबी बस पानी में डूबी बस

परमीता शर्मा / अंकित यादव

  • नई दिल्ली,
  • 17 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 11:49 AM IST

देश की राजधानी दिल्ली में सिविक एजेंसियों की नाकामी सोमवार को फिर देखने को मिली जब महज आधे घंटे की बारिश ने दिल्ली के अधिकतर इलाकों को तालाब में बदल दिया. उत्तरी दिल्ली से लेकर पश्चिमी दिल्ली तक कोई भी ऐसा कोना नहीं रहा जहां पर जलजमाव की स्थिति ना बनी हो. आलम तो यह रहा कि दिल्ली के मिंटो ब्रिज में इतना पानी भर गया कि डीटीसी बस उसमें समा गई. कोई बड़ा हादसा ना हो इसके लिए आनन फानन में दिल्ली पुलिस को दोनों तरफ से बैरीकेडिंग लगाकर रास्ता रोकना पड़ा.

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3 दिन बाद उसी जगह दोबारा डूबी डीटीसी बस

सरकारी एजेंसियां कितनी लापरवाह हैं इसका अंदाजा इस बात से लग जाएगा कि 3 दिन पहले शुक्रवार को जिस जगह जलजमाव की वजह से 3 डीटीसी बसें पानी में डूब गई थीं, सोमवार को थोड़ी सी बारिश में एक बार फिर से उसी जगह डीटीसी बस फिर पानी में डूब गई. गनीमत यह रही कि बस में बैठी सवारियों को लोगों की मदद से बाहर निकाला गया. हैरानी इस बात की है कि सरकार पिछली बार उसी जगह हुई घटना से बगैर कोई सबक लिए आंख मूंद कर बैठी रही.

मीडिया रिपोर्टों से लेकर हाईकोर्ट की फटकार तक से सरकार बेपरवाह

दिल्ली की इस स्थिति का चर्चा हर जगह था इसके बावजूद सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. अलबत्ता सोमवार को एक बार फिर से दिल्ली हाईकोर्ट ने सिविक एजेंसियों और सरकार से जवाब मांग लिया कि आखिर दिल्ली में बनी इस स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है.

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नहीं टूट रही केजरीवाल की चुप्पी

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बेहद तेवर में नजर आने वाले अरविंद केजरीवाल एक बार फिर से चुप बैठ गए हैं. दिल्ली में हुई बारिश ने सरकारी एजेंसियों की पोल खोल दी तो मुखिया गायब हो गए. आलम यह है कि अरविंद केजरीवाल और दिल्ली सरकार के बड़े मंत्री इस वक्त सामने आने से बच रहे हैं लेकिन रोजाना खबर छपने के बावजूद सरकारी आलाकमान को कोई फर्क नहीं पड़ रहा.

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