ग्राउंड रिपोर्ट: दिल्ली में बच्चों की जान से खिलवाड़ कर रहीं स्कूल वैन

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक स्कूल वैन में 8 बच्चे होने चाहिए. सभी गाड़ियों में ऑक्सीजन किट लगी होनी चाहिए. ड्राईवर ड्रेस में होने चाहिए. सभी स्कूल वैन पर पीली पट्टी से स्कूल वैन लिखा होना चाहिए.

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4 साल के बच्चे की गई जान 4 साल के बच्चे की गई जान

लव रघुवंशी / मणिदीप शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 24 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 9:09 PM IST

राजधानी दिल्ली में मंगलवार को सिविल लाइन इलाके में स्कूल वैन से कुचलकर 4 साल के अविरल की मौत हो गई थी. समय-समय पर ये सवाल उठता रहा है कि स्कूल में चलने वाली वैन में जरूरत से ज्यादा बच्चे भरे जाते हैं. इन भरे हुए बच्चों को फिर सीएनजी किट पर बिठा दिया जाता है, बिना ये सोचे कि ये कितना खतरनाक है.

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सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का सरेआम उल्लंघन
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक स्कूल वैन में 8 बच्चे होने चाहिए. सभी गाड़ियों में ऑक्सीजन किट लगी होनी चाहिए. ड्राईवर ड्रेस में होने चाहिए. सभी स्कूल वैन पर पीली पट्टी से स्कूल वैन लिखा होना चाहिए.

पड़ताल में खुली पोल
मगर जब 'आज तक' की टीम ने स्कूल वैन की पड़ताल कि तो लगभग सभी स्कूल वैन वाले इन नियमों को तोड़कर बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ करते नजर आए. हमारे कैमरे देखकर वैन चालक बच्चों को 3 बजे तक सड़क पर खड़ा छोड़कर भाग गए. जब वैन चालकों से पूछा गया कि इस कदर बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ क्यों तो वो टाल मटोल करने लगे.

कार्रवाई नहीं करती पुलिस
वहीं दूसरी तरफ अभिभावकों ने आरोप लगाया कि इन वैन वालों की ट्रैफिक पुलिस से सेटिंग होती है. ये पुलिस के सामने ही एक एक वैन में 15-20 बच्चे भरकर ले जाते हैं, मगर पुलिस वाले इनका चलान नहीं काटते.

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