हाईकोर्ट के दिल्ली सरकार को ईस्ट और नार्थ एमसीडी को राशि जारी करने के दिए आदेश के बाद दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंदर गुप्ता ने दिल्ली सरकार से बिना किसी देरी के एमसीडी को राशि जारी करने की मांग की है.
विजेंदर गुप्ता ने सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मांग करते हुए कहा कि वो माननीय हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए एमसीडी को जल्द से जल्द चौथे दिल्ली वित्तीय आयोग के अनुरूप देय राशि जारी करे.
गुप्ता ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश एमसीडी की बहुत बड़ी जीत है. इन फैसले से नार्थ और ईस्ट एमसीडी के 45,000 से भी अधिक कर्मचारियों को राहत मिलेगी क्योंकि उन्हें एक महीने के अंदर मार्च तक का वेतन मिल जाएगा और इसके साथ ही फंड की कमी झेल रही एमसीडी को कोर्ट के आदेश के अनुसार वकाया फंड मिलने से विकास कार्यों को भी पूरा किया जा सकेगा.
गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार के लिए यह शर्म की बात है कि उसने सदन में और सदन से बाहर चौथे दिल्ली वित्तीय आयोग की सिफारिशों को लागू करने में जरा भी दिलचस्पी नहीं दिखाई. यहां तक कि परेशान एमसीडी कर्मचारियों की केजरीवाल सरकार ने एक नहीं सुनी और आखिरकार उन्हें कोर्ट से न्याय मिला.
उन्होंने कहा कि विपक्ष लंबे समय से दिल्ली सरकार से मांग करता आ रहा था कि चौथे वित्तीय आयोग की सिफारिशों के अनुरूप एमसीडी को देय राशि जारी किए जाए, लेकिन दिल्ली सरकार राजनीति और असंवेदनशीलता का परिचय देते हुए एमसीडी को देय राशि नहीं उपलब्ध करवा रही थी.
विजेदर गुप्ता ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने पांचवें दिल्ली वित्तीय आयोग की सिफारिशों को भी लटका कर रखा है. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने पांचवें वित्तीय आयोग को शीघ्र ही सदन के पटल पर रख अनुमोदित नहीं किया तो वे शीघ्र ही पांचवें वित्तीय आयोग की सिफारिशों को लागू करवाने के लिए न्यायालय जाएंगे क्योंकि एमसीडी में आर्थिक संकट इतना भयंकर है कि दिसंबर से अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पाई है.
इसके कारण निगमों में कार्यरत हजारों सफाई कर्मचारी, अध्यापक, अस्पताल के डॉक्टर व कर्मचारी, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों सहित पेंशनधारियों को भी अपनी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने में परेशानी आ रही है. उन्हें बच्चों की फीस देने, घर का राशन, दूध, सब्जी जैसी आधारभूत जरूरतें पूरी करने के लिए रिश्तेदारों और मित्रों से उधार लेना पड़ रहा है.
रवीश पाल सिंह / मणिदीप शर्मा