दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने महिलाओं के खिलाफ बढ़े अत्याचार के खिलाफ अपने अनशन का दूसरा दिन महात्मा गांधी की समाधि पर फूल अर्पित कर और प्राणायाम करके शुरू किया. अनशन के दूसरे दिन भी हज़ारों महिलाएं अनशन के समर्थन में राजघाट पहुंचीं. दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र भी अनशन का समर्थन करने राजघाट पहुंचे.
निर्भया के मात-पिता भी अनशन स्थल पहुंचे. निर्भया की मां ने कहा, "मुझे बहुत दुःख है कि हमारे समाज ने उन्नति तो बहुत कर ली है, मगर आज भी हमारी बेटियां सुरक्षित नहीं हैं. मैं मांग करती हूं कि बलात्कारियों को फांसी की सज़ा दी जाए. मैं स्वाति के साथ बहुत दिनों से काम कर रही हूं और मैं उनके अनशन और मांगों का समर्थन करती हूं."
बन्दना कुमारी, अलका लांबा सहित दिल्ली के कुछ विधायक भी अपना समर्थन देने राजघाट पहुंचे. पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के राजनीतिक सलाहकार एचसी शर्मा भी स्वाति मालीवाल के अनशन का समर्थन करने समता स्थल पहुंचे.
आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए अपनी मांगों को दोहराया और कहा कि जब तक प्रधानमंत्री देश की बेटियों की सुरक्षा के लिए बेहतर व्यवस्था बनाने का आश्वासन नहीं देते तब तक वह अपना अनशन नहीं तोड़ेंगी. उन्होंने प्रधानमंत्री के शुक्रवार रात के बयान पर बोलते हुए कहा कि यह घटनाएं दो दिन से नहीं हो रही हैं. रोज हमारे देश में हज़ारों निर्भयायें सामने आ रही हैं. यह व्यवस्था रोज उनका बलात्कार कर रही है. उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा कि उनको देश को बताना चाहिए कि वह कब देश में ऐसी व्यवस्था बनाएंगे जिसमें पुलिस की जवाबदेही तय हो और देश में इतने फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट हों, जिससे अपराधी को 6 महीने में फांसी की सज़ा हो.
सूरत में सामने आने वाले बलात्कार के मामले में प्रतिकिया देते हुए स्वाति मालीवाल ने कहा कि यह बलात्कार और हत्या 8 लोगों ने नहीं की, बल्कि केंद्र और राज्य की सरकारों ने एक और बेटी का बलात्कार और हत्या कर दी है. उन्होंने कहा कि मैं प्रार्थना करती हूं कि वह बेटियां अब इस देश में जन्म न लें, क्योंकि इस देश के नेता केवल बातें करते हैं कदम नहीं उठाते.
अंकुर कुमार / पुनीत शर्मा