आम आदमी पार्टी की ट्रेड विंग ने केन्द्र सरकार को GST से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. इसके लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली को एक पत्र भी लिखा गया है. आप ट्रेड विंग के दिल्ली प्रदेश कन्वीनर बृजेश गोयल के मुताबिक उनके पास दिल्ली के सैकड़ों व्यापारियों के GST से संबंधित महत्वपूर्ण सुझाव आए हैं जिनको GST एक्सपर्ट्स से सलाह मशविरा करके केन्द्र सरकार के पास भेज दिया गया है.
आइए जानते हैं GST पर भेजे गए सुझाव
1- GST लागू होने के बाद किसी भी राज्य को अलग से कोई टैक्स लगाने का अधिकार नहीं होना चाहिए, जैसा कि कुछ राज्यों ने अभी से ENTRY TAX अलग से लगाने की आवाज उठा दी है.
2- GST की दर जो भी रखी जाए, उसमें पांच वर्ष से पहले संशोधन न हो, जैसा कि पिछले 3 वर्षों में सर्विस टैक्स की दर बढ़ाकर 15% तक कर दी गई है.
3- GST दर बढ़ाने का निर्णय पार्लियामेंट करे क्योंकि टैक्स की दर पूरे देश के लिये एक समान होगी. किसी अकेले राज्य को अपनी मनमर्जी से टैक्स बढ़ाने का अधिकार नहीँ होना चाहिए.
4- टैक्स अदायगी में देरी होने पर या हिसाब-किताब में मामूली गड़बड़ी पाये जाने पर भी व्यापारियों को 5 वर्ष की सजा का प्रावधान रखा गया है, जो कि सरासर गलत है.
5- व्यापारियों को तय समय में इनपुट टैक्स क्रेडिट (रिफंड) मिले.
6- GST पर व्यापारियों को जागरूक करने के लिए बाजारों में कैम्प और वर्कशॉप आयोजित किए जाएं.
क्या है GST?
गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) एक अप्रत्यक्ष कर है. जीएसटी के तहत वस्तुओं और सेवाओं पर एक समान टैक्स लगाया जाता है. जहां जीएसटी लागू नहीं है, वहां वस्तुओं और सेवाओं पर अलग-अलग टैक्स लगाए जाते हैं. इसके तहत हर सामान और हर सेवा पर सिर्फ एक टैक्स लगेगा यानी वैट, एक्साइज और सर्विस टैक्स जैसे करों की जगह सिर्फ एक ही टैक्स लगेगा.
पंकज जैन