लाइन से बचने के लिए बहू ने पैसे जमा कराने बुजुर्ग सास को भेजा बैंक

एक तरफ जहां बैंको और एटीएम में लंबी लंबी कतारें लगी हुई हैं, तो दूसरी तरफ लोग इसे बचने के नए नए जुगाड़ ढूंढ रहे हैं. यानी जुगाड़ से लंबी कतारों से मुक्ति. कुछ यही तस्वीर दिल्ली के स्टेट बैंक ऑफ पटियाला में देखने को मिली.

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बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए बैंक में लग रही हैं अलग लाइनें बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए बैंक में लग रही हैं अलग लाइनें

मोनिका शर्मा / रोहित मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 16 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 8:24 AM IST

एक तरफ जहां बैंको और एटीएम में लंबी लंबी कतारें लगी हुई हैं, तो दूसरी तरफ लोग इसे बचने के नए नए जुगाड़ ढूंढ रहे हैं. यानी जुगाड़ से लंबी कतारों से मुक्ति. कुछ यही तस्वीर दिल्ली के स्टेट बैंक ऑफ पटियाला में देखने को मिली.

बहू के खाते में पैसे जमा कराने पहुंची बुजुर्ग सास
सरकार ने बैंको को निर्देश दिए कि बुजुर्गों के लिए अलग लाइन लगाए. फिर क्या था बहू ने अपनी बुजुर्ग सास को ही इसके लिए बैंक भेज दिया. दरअसल स्टेट बैंक ऑफ पटियाला में बहू का खाता है और बहू को उस खाते में जमा कराने थे करीब 50000 हजार रूपए. फिर क्या था, बहू ने जमा कराने का जिम्मा अपनी बुजूर्ग सास को दे दिया.

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लाइन से बचने के लिए बहू ने सास को भेजा
जब बुजूर्ग से पूछा गया कि आपकी बहू कहां है, क्या उनको कोई तकलीफ है, तो सास ने जवाब दिया..नही. बहू के पास वक्त नहीं है, वो खाना पका रही है इसलिए मैं आ गई. फिर उनसे पूछा आपका खाता कहां है तो जवाब था कोंडली लेकिन उसके बावजूद लाइन से बचने के लिए बहू ने अपनी बुजुर्ग सास को ही अपने खाते में पैसा जमा कराने भेज दिया.

लाठी के सहारे चलकर पहुंची बैंक
बुजुर्ग महिला लाठी के सहारे चलती है जहां मौका मिला वहां बैठ गई लेकिन पैसा बहू का है और खाते में जमा भी कराना है तो फिर वो वहां से जाए कैसे. आखिरकार किसी तरह से उसने बहू का पैसा जमा करा दिया. दिल्ली में नोटबंदी का असर ऐसा कि लोग नई नई जुगाड़ से नोट एक्सचेंज कराने और जमा कराने के लिए अपना रहे है.

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