नीतीश के दबाव में वेंकैया ने मुझे राज्यसभा से किया बर्खास्त: शरद यादव

शरद यादव ने सवाल उठाया कि देश को लूट कर भागने वाले विजय माल्या को भी जब राज्यसभा से बर्खास्त किया गया था तो पहले ये मामला विचार के लिए प्रिविलेज कमेटी और एथिक्स कमेटी के पास भेजा गया था.

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शरद यादव (फाइल) शरद यादव (फाइल)

बालकृष्ण / रणविजय सिंह / खुशदीप सहगल

  • नई दिल्ली,
  • 07 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 9:37 PM IST

राज्यसभा की सदस्यता गंवाने वाले शरद यादव ने राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू पर दबाव के तहत काम करने का आरोप लगाया है. शरद यादव ने गुरुवार को कहा कि किसी सांसद को बर्खास्त करने की एक प्रक्रिया होती है जिसका उनके मामले में पालन नहीं किया गया जबकि वो 11 बार सांसद रह चुके हैं. बता दें कि शरद यादव को बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू सुप्रीमो नीतीश कुमार से बगावत के बाद राज्यसभा की सदस्यता गंवानी पड़ी.

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शरद यादव ने सवाल उठाया कि देश को लूट कर भागने वाले विजय माल्या को भी जब राज्यसभा से बर्खास्त किया गया था तो पहले ये मामला विचार के लिए प्रिविलेज कमेटी और एथिक्स कमेटी के पास भेजा गया था. शरद यादव के मुताबिक उनके पुराने मित्र होने के बाजजूद वैंकया नायडू ने राज्यसभा से उनकी सदस्यता खत्म करने से पहले इतना करना भी उचित नहीं समझा. शरद यादव ने कहा कि उन्हें चार दिसम्बर को जब राज्यसभा से बर्खास्त किया गया तब वे चुनाव प्रचार के लिए गुजरात में थे. उन्होनें कहा कि ये सब नीतीश कुमार के दबाव में किया गया लेकिन वह पीछे हटने वाले नहीं हैं और अपना संघर्ष जारी रखेंगे.

इस बीच जेडीयू के चुनाव चिह्न के लिए शरद यादव और नीतीश कुमार के बीच पार्टी के चुनाव चिन्ह की जंग अब अदालत पहुंच गयी है. शरद यादव गुट ने तीर चुनाव चिन्ह नीतिश कुमार गुट को दिए जाने के चुनाव आयोग के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. गुरुवार को हाई कोर्ट ने इस बारे में चुनाव आयोग और नीतीश कुमार को नोटिस देकर जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी. इधर शरद यादव अपनी नई पार्टी बनाने में भी जुट गए हैं जिसका नाम तो अभी तय होना बाकी है. इस पार्टी का चुनाव निशान ऑटोरिक्शा होने की संभावना है.

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