सुप्रीम कोर्ट ने अक्सर कोई न कोई याचिका दायर करने वाले दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय को फटकार लगाई है. मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर ने सख्त शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि उपाध्याय प्रोफेशनल जनहित याचिका कर्ता बनते जा रहे हैं और लगता है कि इसी काम के लिए दफ्तर चला रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'आप दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता हैं, सरकार के पास क्यों नहीं अपना मामला ले कर जाते हैं, सरकार से गुज़ारिश क्यों नहीं करते! आप हर रोज कुछ न कुछ याचिका लगाते रहते हैं.'
गौरतलब है कि अश्विनी कुमार उपाध्याय ने शराब के लिए पूरे देश में समान नीति लागू करने की मांग याचिका में की थी. सुप्रीम कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी. अश्विनी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड ,नोटबंदी ,तीन तलाक , सरकारी स्कूलों में अनिवार्य योग, जजों की नियुक्ति जैसे सभी महत्वपूर्ण मामलों में याचिका दायर की हुई है. वह छह महीने में कम से कम एक दर्जन पीआईएल दाखिल कर चुके हैं. अश्विनी उपाध्याय पेशे से वकील हैं.
कोर्ट ने सख्त शब्दों में कहा, 'क्या रोज पीआईएल दाखिल करते हो! ऐसा लगता है इसी काम को लिए दफ्तर चला रहे हो! आपकी पार्टी बीजेपी आपको कोर्ट के अंदर नेतागिरी करने के लिए पैसा दे रही है क्या? हर बात के लिए हमारे पास आने की जरूरत नहीं... आपकी सरकार सत्ता में है.. उनसे कहो कि नीतियां बनाएं...
अहमद अजीम