दिल्ली के शेल्टर होम में पिछले एक महीने में 14 लोगों की मौत हो गई है. इसमें 8 महिलाएं और 6 पुरुष शामिल है. मामला रोहिणी स्थित आशा किरण शेल्टर होम का है. यह दिल्ली सरकार की तरफ से संचालित एकमात्र संस्था है, जहां मानसिक रूप से कमजोर लोगों की देखभाल की जाती है. शेल्टर होम में फरवरी 2024 से अबतक कुल 25 मौतें हुई हैं. इनमें से 14 मौतें केवल जुलाई 2024 में हुई हैं. शेल्टर होम की ओर से दिल्ली सरकार को दी गई रिपोर्ट में दस्त और बेहोशी से मौत होने की बात कही गई है. साथ ही हल्का बुखार और उल्टी की बात भी शामिल हैं.
इस बीच दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने भ्रष्टाचार जैसे आरोप लगाए हैं. भारद्वाज ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि दिल्ली विधानसभा की याचिका समिति को आशा किरण केंद्र में प्रवेश करने से रोका गया. मीडिया के विरोध और दबाव के बाद, याचिका समिति के सदस्यों को केंद्र के अंदर जाने की अनुमति दी गई. सेवा विभाग, ट्रांसफर और पोस्टिंग की शक्तियां सरकार के लिए ज़रूरी हैं.
उन्होंने कहा कि अधिकारियों के बीच यह समझ है कि आशा किरण के प्रशासनिक पद पर मलाईदार पोस्टिंग है, इस पोस्टिंग में भ्रष्टाचार की बहुत गुंजाइश है. प्रशासक का पद ऐसे 900 लोगों के लिए भोजन, स्वास्थ्य, दवा की ज़िम्मेदारी है जो आपके खिलाफ शिकायत भी नहीं कर सकते. आशा किरण के प्रशासक राहुल अग्रवाल को 2016 में भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ़्तार किया गया था.
भारद्वाज ने 2016 की न्यूज पेपर क्लिपिंग दिखाते हुए आरोप लगाकर कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में दिल्ली के एसडीएम राहुल गिरफ़्तार हुए थे. राहुल अग्रवाल को सीबीआई ने गिरफ़्तार किया था. उन्हें 5 साल के लिए निलंबित कर दिया गया. दिल्ली के एलजी ने उन्हें आशा किरण केंद्र का प्रशासक नियुक्त किया. किस आधार पर एलजी ने उन्हें इतने संवेदनशील केंद्र का प्रशासक नियुक्त किया. दिल्ली के एलजी ने कार्रवाई क्यों नहीं की राहुल अग्रवाल और समाज कल्याण विभाग के सचिव के खिलाफ?
उन्होंने कहा कि हमें रिपोर्ट के माध्यम से पता चला है कि शेल्टर होम में रहने वालों को आरओ पानी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा था, भोजन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा था, कोई स्वास्थ्य सेवा प्रदान नहीं की जा रही थी. उनके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
अमित भारद्वाज