पंजाब: रेप के आरोपी नेता को सुप्रीम कोर्ट से राहत, अदालत ने हफ्ते भर में मांगा जवाब

लोक इंसाफ पार्टी के नेता बैंस के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि महिला फर्जीवाड़े का रैकेट चलाती है. सुनवाई के दौरान सभी पक्षकारों की दलील सुनने और टिप्पणियां करने के बाद कोर्ट ने सिमरजीत सिंह बैंस को एक हफ्ते की राहत और दे दी.

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सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 04 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 4:37 AM IST
  • पंजाब सरकार को भी हलफनामा दाखिल करने का आदेश
  • कोर्ट ने पूछा- पीड़ित महिला ने इतने मामले कैसे दर्ज कराए?

पंजाब चुनाव के पहले लोक इंसाफ पार्टी के नेता को कोर्ट से राहत मिली है. रेप के आरोपी और पंजाब में लोक इंसाफ पार्टी के नेता सिमरनजीत सिंह बैंस को सुप्रीम कोर्ट ने हफ्ते भर तक गिरफ्तारी से राहत दी है. कोर्ट ने पंजाब सरकार, बैंस और पीड़ित महिला को नोटिस जारी कर हफ्ते भर में जवाब मांगा है. कोर्ट ने आदेश दिया कि हफ्ते भर तक बैंस और पीड़ित महिला के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी. 

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बैंस के मामले में कोर्ट ने पंजाब सरकार से हफ्ते भर में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार की इस बात पर भी खिंचाई की है कि पीड़ित और शिकायतकर्ता महिला के खिलाफ इतने मामले कैसे दर्ज किए गए? पंजाब सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल एएस पटवालिया ने कहा कि महिला ने कई लोगों के खिलाफ रेप के मामले दर्ज करा रखे हैं. यानी  महिला आदतन मामले दर्ज कराती है. सरकार मामले में अदालती कार्रवाई पूरा करना चाहती है. 

कोर्ट ने पंजाब सरकार के वकील से कहा कि आप खुद देखिए कि 2 बार के विधायक बैंस पर एक महिला ने कितने मुकदमे लगा रखे हैं. वे यहां अग्रिम जमानत के लिए आए हैं. बैंस के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि महिला फर्जीवाड़े का रैकेट चलाती है. सुनवाई के दौरान सभी पक्षकारों की दलील सुनने और टिप्पणियां करने के बाद कोर्ट ने सिमरजीत सिंह बैंस को एक हफ्ते की राहत और दे दी. 

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सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार, बैंस और शिकायतकर्ता पीड़ित महिला से इस मामले में हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है. दरअसल इस मामले में पीड़िता ने सबसे पहले 16 नवंबर 2020 को विधायक सिमरजीत सिंह बैंस, कमलजीत सिंह, बलजिंदर कौर, जसबीर कौर उर्फ भाभी, सुखचैन सिंह, परमजीत सिंह उर्फ पम्मा और गोगी शर्मा के खिलाफ पुलिस कमिश्नर को शिकायत दी थी. लेकिन पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की. केवल जांच के नाम पर मामले को लटकाया था.

रेप के आरोपी ऑटो चालक की याचिका खारिज

सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की अगुआई वाली 3 जजों की पीठ ने रेप के आरोपी ऑटो रिक्शा चालक की जमानत अर्जी खारिज कर दी. जस्टिस हिमा कोहली ने आरोपी के वकील से कहा कि पीड़िता गलियों में बदहवास सी अर्धनग्न अवस्था में मदद के लिए चिल्लाते हुए भागी फिर रही थी और आप इतने जघन्य अपराध के आरोपी होकर भी यहां जमानत के लिए आए हैं. आरोपी के वकील कौस्तुभ दुबे ने दलील दी कि वो तो आपसी सहमति से संबंध बने थे. मेडिकल जांच में भी कोई जख्म नहीं पाए गए. इसके बाद फिर पीठ ने आरोपी से पूछा कि एक अजनबी शहर में की महिला को नशा दे कर रेप किया जाता है. आप अजीब सी दलील दे रहे हैं कि उसके कोई जख्म नहीं था. 

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