राजधानी दिल्ली में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है. ऐसे में ऐसी क्या मजबूरी है कि ये लोग खुले आसमान के नीचे अपनी रात बिताने को मजबूर हैं. ज़ाहिर है कुछ मजबूरी ज़रूर होगी वो भी ऐसी जो इस सर्दी के सितम पर भारी होगी.
सबसे बड़े अस्पताल एम्स के बाहर की ऐसी तस्वीरें जहां देश के दूर दराज़ इलाके से आये लोग किसी तरह से अपनी रात गुजरने को मजबूर हैं. ऐसा हो भी तो क्यों नहीं, इलाज जो करना है. जब बात ज़िंदगी की हो तो हर सितम कम है. दरअसल, इस कड़ाके की ठंड में भी इन लोगों ने खुले आसमान और बस स्टॉप को ही अपना आशियान इसलिए बना रखा है क्योंकि ये लोग यहां इलाज कराने आए हैं.
इतने पैसे है नहीं की ये कोई होटल या धर्मशाला ले सकें. ठंड के समय रैन बसेरा में भी जगह नहीं तो फिर करें तो क्या करें. खुले बस स्टॉप को ही अपना आशियान बना लिया. कंबल के सहारे ये लोग सोने की कोशिश तो कर रहे हैं और नींद भी आ रही है. लेकिन सर्दी का सितम ऐसा की इन्हें सोने नहीं दे रहा. आंखों में आई नींद को ठंड उड़ा ले जा रही है.
हालांकि ऐसे लोगों के लिए एम्स के पास रैन बसेरा बनाया गया. फुटओवर ब्रिज को ही रैन बसेरा के रूप में बदल दिया गया है लेकिन लोगों की तादात इतनी की शायद ये रैन बसेरा नाकाफी साबित हो रहा है. ज़ाहिर है इसे मजबूरी नहीं तो क्या कहेंगे. हड्डिया गला देने वाली इस सर्दी में भी लोग खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं.
अनुज मिश्रा