दिल्ली में नॉर्थ एमसीडी ने आज इंजीनियरों और आर्किटेक्टों के साथ एक अहम बैठक की. एमसीडी मुख्यालय सिविक सेंटर में हुई इस बैठक में नक्शे बनाने से लेकर उसे पास किए जाने तक की प्रक्रिया में शामिल इंजीनियरों और आर्किटेक्टों ने शिरकत की.
एमसीडी के मुताबिक इस बैठक का उद्देश्य इस काम को और आसानी से करने के लिए अपनाई जा रही ऑनलाइन प्रणाली के संबंध में सुझावों को हासिल करना था. इस बैठक में करीब 25 आर्किटेक्टों, इंजीनियरों और नॉर्थ एमसीडी के इंजीनियर विभाग के साथ-साथ बिल्डिंग विभाग के वो अधिकारी जो इस प्रक्रिया में शामिल रहते हैं.
इसके अलावा बैठक में नॉर्थ एमसीडी के कई सीनियर अधिकारी भी शामिल थे. नॉर्थ एमसीडी कमिश्नर मधुप व्यास ने इस दौरान कहा कि बिल्डिंगों के नक्शे स्वीकृत करने की प्रक्रिया भारत सरकार द्वारा सुगमता से कार्य करने में किये जा रहे प्रयासों में ये एक है, जिसके तहत बिल्डिंगों के नक्शे पारित किया जाना और निर्माण पूरा होने का सर्टिफिकेट जारी करना शामिल है.
कमिश्नर ने कहा कि बिल्डिंगों के नक्शे स्वीकृत करने की प्रक्रिया को अत्यंत सरल कर पूरी तरह से ऑनलाइन बनाया गया है. इस प्रक्रिया में संपत्ति मालिक से संपर्क करने की कोई आवश्यकता नहीं है. प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए वेबसाइट पर एक कॉमन एप्लीकेशन फार्म उपलब्ध कराया गया है, जो आवेदक को 15 दिनों के भीतर अलग-अलग एजेंसियों से एनओसी लेने में मदद करता है, जिसके कारण 30 दिनों के अंदर नक्शे पास हो जाते हैं.
उन्होंने कहा कि इससे समय की बचत तो होती ही है साथ ही प्रक्रिया में पारदर्शिता भी बढ़ी है. कमिश्नर व्यास ने बताया कि पिछले दो सालों में किये गए सुधारों के परिणाम स्वरूप कुल 3443 आवेदनों में 2853 योजनाओं को मंजूरी दी गई है बाकि को या तो अस्वीकृत कर दिया गया है या वो अभी मंजूरी की प्रक्रिया में है.
इसके अलावा इन योजनाओं को 15 या 16 दिनों के औसत के हिसाब से स्वीकृत किया गया है, जो पहले 158 दिनों की होती थी. कमिश्नर ने बताया कि हाल ही में नॉर्थ एमसीडी ने पिछले तीन महीनों में 100 संपूर्ण प्रमाण पत्र जारी किये हैं.
कमिश्नर ने जमीनी स्तर पर किये गए सुधारों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए नियमित रूप से इस तरह की बैठकों को जरूरी बताया और कहा कि इस विषय में जागरूकता के लिए जोनल दफ्तरों में बैनर लगाए जाएंगे, जिनमें भवन नक्शों के विषय में सभी आवश्यक जानकारी उपलब्ध होगी.
अजीत तिवारी / रवीश पाल सिंह