नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को तैयार करने के लिए 2600 लोग कर रहे काम, 400 से अधिक मशीनें लगाई गईं

ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल AG की सहायक कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) गौतम बौद्ध नगर के जेवर में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट विकसित कर रही है. प्रोजेक्ट के सीओओ किरण जैन ने कहा, पहला चरण 1,300 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैला होगा और अगले साल के अंत तक इसके तैयार होने की उम्मीद है.

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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को तैयार करने के लिए 2600 कामगार और करीब 400 मशीनों का उपयोग किया जा रहा है नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को तैयार करने के लिए 2600 कामगार और करीब 400 मशीनों का उपयोग किया जा रहा है

aajtak.in

  • नोएडा,
  • 14 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 7:28 PM IST

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण का काम समय पर पूरा करने के लिए 2600 से अधिक मजदूरों को लगाया गया है. इसके अलावा  400 से अधिक मशीनें साईट पर काम कर रही हैं. ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल AG की सहायक कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) गौतम बौद्ध नगर के जेवर में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट विकसित कर रही है. यह दिल्ली से करीब 75 किलोमीटर दूर है. 

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YIAPL के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने कहा कि मिट्टी का काम इस साल की शुरुआत में पूरा हो गया था और टर्मिनल भवन और रनवे सहित बाकी बचे काम शुरू हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट का काम तेजी से चल रहा है और समय पर पूरा कर लिया जाएगा. एयरपोर्ट 5,000 वर्ग हेक्टेयर क्षेत्र में फैला होगा.

इस प्रोजेक्ट के सीओओ किरण जैन ने कहा, पहला चरण 1,300 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैला होगा और अगले साल के अंत तक इसके तैयार होने की उम्मीद है. 400 से अधिक भारी और छोटी मशीनरी के साथ 2,600 से अधिक कर्मचारी मौजूदा समय में एयरपोर्ट बनाने के काम पर लगे हैं और ये संख्या अधिकतम 6,000 तक जा सकती है. अब तक निर्माण में 32,000 घन मीटर कंक्रीट और 14,000 टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है.

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यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने जा रहा है. एयरपोर्ट के बनने के साथ ही उत्तर प्रदेश की तस्वीर पूरी तरह से बदल जाएगी. यूपी पहला ऐसा राज्य हो जाएगा, जिसके पास कुल पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट होंगे. पहले फेज के निर्माण की कुल कीमत तकरीबन 10,050 करोड़ रुपये आएगी.

आसपास के इलाकों में बढेंगी नौकरियां 
इसके बनने से आसपास के इलाकों-अलीगढ़, हापुड़, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और बुलंदशहर जैसे जिलों के युवाओं के लिए रोजगार का अवसर और बढ़ने की संभावना है. एयरपोर्ट के आसपास इंडस्ट्रियल हब भी बनेगा. जैसे- स्टोरेज, डिफेंस और फूड की कंपनियां लगेंगी. इससे निवेश बढ़ेगा और प्रदेश का अधिक विकास हो सकेगा.

दिल्ली से 72, ग्रेटर नोएडा से 28 और नोएडा से 40 किलोमीटर की दूरी
एयरपोर्ट के आसपास इंडस्ट्रियल हब भी बनेगा. जैसे- स्टोरेज, डिफेंस और फूड की कंपनियां लगेंगी. इससे निवेश बढ़ेगा और प्रदेश का अधिक विकास हो सकेगा. लोकेशन के हिसाब से देखें तो भी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट काफी अहम है. दिल्ली से जहां सिर्फ 72 किलोमीटर की दूरी पर है तो आगरा से इसकी दूरी 130 किलोमीटर की होगी. वहीं, ग्रेटर नोएडा से 28 और नोएडा से 40 किलोमीटर की दूरी पर एयरपोर्ट स्थित होगा.
 

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