डॉक्टर पिटाई मामले पर दिल्ली मेडिकल ऐसिसोशिन ने किया बंद का ऐलान

पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर की पिटाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने इस मामले पर कड़ा रुख अख्तियार कर रखा है. एसोसिएशन ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डॉक्टर की पिटाई के विरोध में दिल्ली में चिकित्सा कार्य को पूरी तरह से बंद का ऐलान किया है.

Advertisement
बंगाल से दिल्ली तक डॉक्टरों की हड़ताल (फाइल फोटो- एएनआई) बंगाल से दिल्ली तक डॉक्टरों की हड़ताल (फाइल फोटो- एएनआई)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 जून 2019,
  • अपडेटेड 4:48 PM IST

पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर की पिटाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने इस मामले पर कड़ा रुख अख्तियार कर रखा है. एसोसिएशन ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डॉक्टर की पिटाई के विरोध में दिल्ली में चिकित्सा कार्य को पूरी तरह से बंद का ऐलान किया है. डॉक्टरों के इस ऐलान के बाद मरीजों को मुश्किलों का बढ़ना तय है.

Advertisement

इससे पहले देश की राजधानी के कई सरकारी अस्पतालों के सीनियर और जूनियर डॉक्टर पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के समर्थन में उतर आए हैं. उन्होंने शुक्रवार को प्रतीकात्मक हड़ताल कर काम का बहिष्कार किया.

अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर, सभी आउट पेशेंट विभागों (ओपीडी), रूटीन ऑपरेशन थिएटर सेवाओं और वार्ड विजिट्स को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है.

इससे पहले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और सफदरजंग अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने सांकेतिक विरोध में अपने सिर पर पट्टियां बांधकर प्रदर्शन किया और सभी गैर-आपातकालीन सेवाओं को निलंबित कर दिया.

वहीं, कोलकाता हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार को कहा है कि वह तुरंत हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से बातचीत करे और मामले को सुलझाए. इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने ममता सरकार से पूछा है कि उन्होंने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं.

Advertisement

बता दें कि एक जूनियर डॉक्टर के साथ मारपीट होने की वजह से राज्यभर में डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं. वहीं, दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों और बड़े शहरों में डॉक्टर हड़ताल पर हैं. सड़कों पर प्रदर्शन किया जा रहा है, इस हड़ताल की वजह से मरीजों का काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

क्यों भड़का माहौल?

10 जून को पश्चिम बंगाल के नील रत्न सरकार (एनआरएस) मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान एक 75 साल के एक बुजुर्ग की मौत हो गई. इस पर मौके पर मौजूद गुस्साए परिजनों ने डॉक्टरों को गालियां दीं. इसके बाद डॉक्टरों ने कहा कि जब तक परिजन हमसे माफी नहीं मांगते हम प्रमाण पत्र नहीं देंगे. इस मामले में फिर हिंसा भड़की और कुछ देर बाद हथियारों के साथ भीड़ ने हॉस्टल में हमला कर दिया. इसमें दो जूनियर डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हुए जबकि कई और को भी चोटें आईं. उसके बाद जब ममता बनर्जी ने हड़ताल वाले डॉक्टरों की निंदा की तो मामला तूल पकड़ता गया.

Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement