नजीब अहमद केस: पॉलीग्राफ टेस्ट की मांग पर कोर्ट फैसला रखा सुरक्षित

हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस से यह मामला लेकर सीबीआई को सौंप दिया था लेकिन काफी वक्त गुजरने के बाद भी नजीब की गुमशुदगी को लेकर सीबीआई अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है. यही वजह है कि वह इस मामले में पॉलीग्राफ टेस्ट कराना चाहती है.

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प्रदर्शन करतीं नजीब की मां (फाइल फोटो) प्रदर्शन करतीं नजीब की मां (फाइल फोटो)

पूनम शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 15 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 5:23 PM IST

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने पिछले एक साल से लापता जेएनयू के छात्र नजीब अहमद की गुमशुदगी मामले में 9 लोगों के पॉलीग्राफ टेस्ट की अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा है. सीबीआई ने कोर्ट में इस मांग को लेकर अर्जी दी थी.

नजीब की गुमशुदगी अभी भी रहस्य ही बनी हुई है. सीबीआई अब इस रहस्य को सुलझाने के लिए उन सभी छात्रों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराना चाहती है जो नजीब से जुड़ें रहे या फिर नजीब अहमद की गुमशुदगी के बाद शक के घेरे में हैं. इस मामले में सीबीआई ने पटियाला हाउस कोर्ट में 9 संदिग्धों की सूची दी है जिनका वह पॉलीग्राफ टेस्ट कराना चाहती है.

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सीबीआई ने इन सभी संदिग्धों को कोर्ट के सामने पेश होकर पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए अपनी सहमति देने के निर्देश दिए थे. इससे पहले दिल्ली पुलिस भी इस मामले में संदिग्ध लोगों के पॉलीग्राफ टेस्ट की बात कह चुकी थी लेकिन कोर्ट में सभी 9 संदिग्धों ने पॉलीग्राफ़ टेस्ट कराने से साफ इनकार कर दिया था.

हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस से यह मामला लेकर सीबीआई को सौंप दिया था लेकिन काफी वक्त गुजरने के बाद भी नजीब की गुमशुदगी को लेकर सीबीआई अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है. यही वजह है कि वह इस मामले में पॉलीग्राफ टेस्ट कराना चाहती है. सभी 9 संदिग्ध या तो जेएनयू के छात्र हैं या फिर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य हैं.

बता दें कि 15 अक्टूबर 2016 को जेएनयू के एमएससी का छात्र नजीब कैंपस से गायब हो गया था और तब से ही उसका कुछ अता-पता नहीं है. नजीब के लापता होने से पहले उसका एबीवीपी के छात्रों के साथ किसी बात को लेकर विवाद हुआ था, लेकिन एबवीपी के छात्रों का कहना है कि नजीब के लापता होने में उनका कोई हाथ नहीं है.

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हाल ही में सीबीआई मुख्यालय के नजीब की मां फातिमा नफीस, जेएनयू के छात्रों और सामाजिक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था.

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