दिल्ली: नए MVA का असर, 11 दिन में बने 4.70 लाख प्रदूषण सर्टिफिकेट

नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने से पहले दिल्ली में रोजाना औसतन 15 हजार लोग प्रदूषण सर्टिफिकेट बनवाने के लिए PUC सेंटर पहुंचते थे, लेकिन 1 सितंबर के बाद ये संख्या तीन गुना बढ़कर रोजाना 45 हजार हो गई है.

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प्रदूषण सर्टिफिकेट बनवाने वालों की संख्या में तीन गुणा इजाफा (फोटो-ट्विटर हैंडल) प्रदूषण सर्टिफिकेट बनवाने वालों की संख्या में तीन गुणा इजाफा (फोटो-ट्विटर हैंडल)

पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 11 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 6:34 PM IST

  • पूरी दिल्ली में 940 PUC सेंटर हैं, 12 की जगह 15 घंटे खुल रहे हैं
  • मंगोलपुरी स्थित एक सेंटर पर सबसे अधिक 2731 सर्टिफिकेट बने

नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद दिल्ली में PUC (Pollution Under Control) सर्टिफिकेट बनवाने को लेकर होड़ मच गई है. जानकारी के मुताबिक पूरी दिल्ली में 940 PUC सेंटर हैं, जहां 1 सितंबर से लेकर बुधवार दोपहर 12:30 बजे तक 4 लाख 70 हजार वाहन चालकों ने PUC सर्टिफिकेट बनवाए हैं. साथ ही दिल्ली के टॉप-10 PUC सेंटर पर कितने सर्टिफिकेट बने इसकी जानकारी भी सामने आई है.

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1 सितंबर से 11 सितंबर दोपहर 12:30 बजे तक के आंकड़ें बताते हैं कि दिल्ली के मंगोलपुरी में गणपति फिलिंग स्टेशन पर सबसे अधिक 2731 सर्टिफिकेट बनाए गए. हरि नगर के सक्षम मोटर्स ने 2518, सरिता विहार के सरिता स्टेशन ने 2361, ओखला के जय साईं मोटर्स ने 2339, इंद्रप्रस्थ के स्टेशन ने 2179, मंगोलपुरी इंडस्ट्री इलाके के सिटी सेंटर ने 2104, कालकाजी के रश्मि ऑटो ने 2085, गीता कॉलोनी के हरभजन ऑटोमोबाइल ने 2064, बुराड़ी रोड के रीसल स्टेशन ने 1952 और नजफगढ़ नांगलोई रोड पर बालाजी स्टेशन ने 1918 प्रदूषण सर्टिफिकेट बनाए.

बता दें कि नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने से पहले दिल्ली में रोजाना औसतन 15 हजार लोग प्रदूषण सर्टिफिकेट बनवाने के लिए PUC सेंटर पहुंचते थे, लेकिन 1 सितंबर के बाद ये संख्या तीन गुना बढ़कर रोजाना 45 हजार हो गई है.

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प्रदूषण सर्टिफिकेट बनाने वाले सेंटर पर अचानक भीड़ बढ़ने की वजह से सर्वर स्लो हो गया है. बढ़ती भीड़ को देखते हुए दिल्ली सरकार ने प्रदूषण सेंटर की टाइमिंग सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक कर दी थी, जोकि पहले सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक ही खुलते थे.

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हाल ही में 'आजतक' ने कई PUC सेंटर से रिपोर्ट दिखाई थी कि किस तरह लोग घंटों लाइन में खड़े होकर प्रदूषण सर्टिफिकेट बनवाने का इंतजार कर रहे हैं. वाहन चालकों ने सर्वर स्लो होने की शिकायत भी की थी. हालांकि सरकार दावा कर रही है कि IT विभाग को सर्वर की क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.

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