दिल्ली के नगर निगम उपचुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (एएपी) ने पूरी ताकत झोंक दी है. सोमवार को दिल्ली में MCD के उपचुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तारीख थी. एएपी के उम्मीदवारों के नामांकन में पार्टी के विधायक भी पहुंचे थे. इस चुनाव में AAP विधायक जहां एक तरफ साफ सफाई और फंड का मुद्दा उठा रहे हैं, वहीं पार्षद उम्मीदवारों को अरविंद केजरीवाल सरकार के कामकाज के आधार पर वोटिंग की उम्मीद है.
दरअसल, 2022 में एमसीडी के चुनाव होने हैं. उससे पहले इन उपचुनावों को एएपी सेमीफाइनल की तरह देख रही है. पार्टी की ओर से उपचुनाव में किस्मत आजमा रहे उम्मीदवार और अन्य नेता, सभी एकतरफा जीत के दावे कर रहे हैं. सोमवार को नामांकन करने के लिए पूर्वी दिल्ली के जिलाधिकारी दफ्तर पहुंचे विधायकों और पार्षद उम्मीदवार से 'आजतक' ने खास बातचीत की.
एएपी विधायक आतिशी त्रिलोकपुरी के 2 ई वार्ड से उम्मीदवार विजय कुमार का समर्थन करने पहुंची थीं. क्या आदमी आदमी पार्टी के लिए यह उपचुनाव 2022 के चुनाव का सेमीफाइनल है? आतिशी ने कहा कि हर चुनाव एक चुनौती है. इस उपचुनाव में एएपी एकतरफा जीत दर्ज करने वाली है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने दिल्ली को कूड़ेदान बना दिया है. जनता इस वजह से बीजेपी से नाराज है. आतिशी ने कहा कि एएपी के उम्मीदवार विपक्षी बीजेपी को एमसीडी से बाहर का रास्ता दिखाएंगे. उन्होंने साथ ही यह भी दावा किया कि एमसीडी चुनाव भी एएपी ही जीतेगी.
आतिशी से जब कांग्रेस और बीजेपी की चुनौती को लेकर पूछा गया, उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधानसभा में जीरो हो चुकी है. कांग्रेस के नेता एएपी में शामिल होना चाहते हैं. इस चुनाव में मुकाबला एएपी और बीजेपी के बीच है. दिल्ली सरकार की ओर से एमसीडी का फंड रोके जाने के आरोप का जवाब देते हुए आतिशी ने कहा कि बीजेपी शासित नगर निगम को कोर्ट में जवाब देना चाहिए. कोर्ट में बीजेपी कहती है कि फंड मिल गया है. अब भी 900 करोड़ से ज्यादा एमसीडी को दिए गए लेकिन इसके बावजूद कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिली.
नामांकन के दौरान एएपी उम्मीदवार के समर्थन में पहुंचे त्रिलोकपुरी के एएपी विधायक रोहित महरौलिया से जब यह पूछा गया कि क्या इलाके में कामकाज के नाम पर वोट मांगने का दबाव उन पर सबसे ज्यादा है? इसके जवाब में एएपी विधायक ने कहा कि काम के आधार पर ही जनता ने पार्षद से विधायक बनाया. त्रिलोकपुरी के 2 ई वार्ड से पहले महरौलिया ही पार्षद थे. विधायक निर्वाचित होने के बाद महरौलिया ने पार्षद पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद इस सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं. पार्षद उम्मीदवार विजय कुमार भी दिल्ली सरकार के काम और पूर्व पार्षद महरौलिया के नाम पर वोट की आस लगाए हैं.
पंकज जैन