सीलिंग मामले में मनोज तिवारी को SC से फटकार, एक्शन से इनकार

इसी साल 16 सितंबर को दिल्ली BJP के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने गोकलपुरी में एक मकान में पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा लगाई गई सील तोड़ दी थी.

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दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी (फाइल फोटो) दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी (फाइल फोटो)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 22 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 11:44 AM IST

सीलिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को कड़ी फटकार लगाई है. गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में चलाए जा रहे राजनीतिक एजेंडे से हैरान हैं. कोर्ट ने कहा कि मनोज तिवारी ने इस मामले में कानून तोड़ा है.

हालांकि, कोर्ट के आदेश के अवमानना मामले में तिवारी को SC से राहत मिली है. कोर्ट ने अवमानना का मामला रदद् कर दिया है. कोर्ट का कहना है कि हमें उनके व्यवहार से दुख हुआ है, अगर पार्टी को लगता है तो उनपर कार्रवाई कर सकती है.

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मनोज तिवारी पर कड़ी टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें इस बात का अधिक दुख इसलिए पहुंचा है, क्योंकि वह एक सांसद भी हैं उनसे उम्मीद की जाती है कि वह कानून का पालन करेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हो सका.

कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि वहां मौजूद भीड़ को समझाने की बजाय मनोज तिवारी ने कानून अपने हाथ में लिया. कोर्ट ने ये भी कहा कि हम तिवारी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेना चाहते हैं, राजनीतिक पार्टी पर ही एक्शन लेने की जिम्मेदारी सौंपते हैं. उन्होंने कहा कि मनोज तिवारी बिना किसी कारण के बागी बन रहे हैं. कोर्ट में इस प्रकार के राजनीतिक एजेंडा की कोई जगह नहीं है.

क्या है पूरा विवाद?

बता दें कि मनोज तिवारी पर एक इमारत में की गई सीलिंग तोड़ने का आरोप है. राजधानी में अवैध निर्माण को सील करने की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रही है.

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मनोज तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा था कि उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला नहीं बनता था, क्योंकि उन्होंने कोर्ट की अवमानना नहीं की है और इस मामले से मॉनिटरिंग कमेटी के निर्देश का कोई लेना- देना नहीं था, इसलिए वो माफी नहीं मांगेंगे.

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