दिल्ली में 1000 मोहल्ला क्लीनिक नहीं बने तो मोदी जिम्मेदार: सिसोदिया

सिसोदिया ने अधि‍कारियों की नियुक्ति‍ को लेकर केंद्र पर निशाना साधा और कहा, 'दिल्ली में 80 IAS अफसर हैं और हमने तो सिर्फ 2 मांगे थे. बाकी 150 पोस्ट हैं, सर्विस आपके पास है, जो चाहे कीजिए लेकिन हेल्थ और शिक्षा को तबाह करने की क्या जरूरत थी.'

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उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 30 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 11:28 PM IST

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अधिकारियों की नियुक्ति और तबादले को लेकर एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोसा है. दिल्ली सचिवालय में मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सिसोदिया ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार दिल्ली में स्वास्थ्य और शिक्षा की योजनाओं को असफल बनाने की कोशिश कर रही है.

सिसोदिया ने अधि‍कारियों की नियुक्ति‍ को लेकर केंद्र पर निशाना साधा और कहा, 'दिल्ली में 80 IAS अफसर हैं और हमने तो सिर्फ 2 मांगे थे. बाकी 150 पोस्ट हैं, सर्विस आपके पास है, जो चाहे कीजिए लेकिन हेल्थ और शिक्षा को तबाह करने की क्या जरूरत थी. अगर हाई कोर्ट के ऑर्डर ने आपको पावर दिया है तो क्या अच्छे काम भी रुकवाएंगे?' सिसोदिया ने शिक्षा और स्वास्थ्य की योजनाओं को गिनाते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक के बाद एक कई वार किए.

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'मोदीजी ने LG को किया फोन'
उन्होंने कहा, 'मैं जिम्मेदारी से कह रहा हूं और हमें सूत्रों से खबर है कि मोदी जी ने फोन करके LG को कहा है शिक्षा और स्वास्थ्य का काम रुकवाने को. मोदीजी से कहना चाहता हूं कि हेल्थ और शिक्षा का काम रोकने की कोशिश न करें. 1000 मोहल्ला क्लीनिक, 8000 नए कमरे जो 200 स्कूल के बराबर है. 4200 नए कमरे बनाने का प्लान तैयार है. 100 स्कूल की बिल्डिंग बनाने की तैयारी है. लेकिन काम रोकने की कोशिश है.'

'हम हर गांव को बताएंगे मोदी परेशान कर रहे'
सिसोदिया के आरोप का सिलसिला यही नहीं थमा. उन्होंने आगे कहा, 'पिछले डेढ़ साल में हेल्थ सिस्टम जितनी तेजी से सुधरा है, अगर आगे उसी तेजी से नहीं बढ़ा तो इसके लिए मोदी जी जिम्मेदार हैं. सरकारी स्कूल के काम में ढीलापन आया तो मोदीजी जिम्मेदार हैं. हम देश के गांव-गांव में जाकर इसके बारे में बताएंगे कि किस तरह मोदीजी परेशान कर रहे हैं.'

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'...तो मोदी होंगे जिम्मेदार'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गलत तरीके से अधिकारी नियुक्त करने पर सवाल उठाते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा, 'जब प्रधानमंत्री ऑफिस में प्रिंसिपल सचिव लगाने होते हैं तो ऑर्डिनेंस बदल देते हो और वही प्रधानमंत्री एक इंजीनियर को PWD सचिव बना नहीं रहने दे सकते. छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार में अमन सिंह नाम के अफसर हैं जो आईएएस की पोस्ट में लगातार बैठते हैं; हमने इंजीनियर को PWD सचिव और मेडिकल के जानकार को हेल्थ सचिव बनाया. उन्होंने काम करके दिखाया है. अब मोहल्ला क्लीनिक नहीं बना तो मोदी जी जिम्मेदार हैं.'

नियमों के खिलाफ नियुक्त‍ि का बचाव
सिसोदिया ने इस दौरान नियमों के खिलाफ अपने अधिकारियों की नियुक्ति का बचाव भी किया. उन्होंने कहा, 'हेल्थ और शिक्षा में अच्छे काम हो रहे हैं. ये डिस्टर्ब न हो इसलिए स्वास्थ्य सचिव और PWD सचिव को नहीं हटाने का निवेदन मैंने उपराज्यपाल से किया था. पहली बार दिल्ली सरकार ने प्रयोग किया था, एक ईमानदार इंजीनियर को PWD सचिव बनाया था. एक मेडिकल बैकग्राउंड के अफसर को स्वास्थ्य सचिव बनाया था. लेकिन उन्हें हटा दिया गया है.'

LG को दिलाई थी कानून की याद
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने मुलाकात के दौरान उपराज्यपाल को उस कानून की याद दिलाई, जहां लंबे समय तक गैर आईएएस अधिकारी को सचिव के पद में रखना है तो केंद्र से अनुमति लेनी पड़ती है. मनीष सिसोदिया ने कहा, 'इसके बाद मैंने उपराज्यपाल से अपील करते हुए कहा था कि वो केंद्र सरकार को लिखकर अधिकारियों की तैनाती जारी रखने की अनुमति दिलाएं.'

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