JNU हिंसा: अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से की बात, मांगी रिपोर्ट

दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हिंसा के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से बात की है. गृह मंत्री अमित शाह ने निर्देश दिए हैं कि आईजी लेवल की एक अधिकारी की कमेटी बनाकर जल्द ही गृह मंत्रालय को रिपोर्ट दी जाए.

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जेएनयू में हिंसा जेएनयू में हिंसा

जितेंद्र बहादुर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 11:55 PM IST

  • जेएनयू कैंपस में नकाबपोश लोगों ने छात्रों पर किया हमला
  • गृह मंत्री ने JNU हिंसा पर मांगी रिपोर्ट, कमिश्नर से की बात

दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हिंसा के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से बात की है. गृह मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक अमित शाह ने जेएनयू मामले पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर से बात की. साथ ही गृह मंत्री अमित शाह ने निर्देश दिए हैं कि आईजी लेवल की एक अधिकारी की कमेटी बनाकर जल्द ही गृह मंत्रालय को रिपोर्ट दी जाए.

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विश्वविद्यालय कैंपस में नकाबपोश हमलावरों ने छात्रों को न केवल मारा पीटा बल्कि बुरी तरह से कैंपस में तोड़फोड़ भी की. नकाबपोश पूरी तैयारी के साथ आए थे. कैंपस के भीतर छात्रों ने जो वीडियो शेयर किए हैं, उसमें साफ दिख रहा है कि हमलावर पूरी तैयारी के साथ आए थे. वहीं इस मामले की जांच संयुक्त सीपी रैंक अधिकारी शालिनी सिंह करेंगी.

छात्रों के साथ ऐसी मारपीट हुई है, कि कई गंभीर रूप से जख्मी हो गए हैं. जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) ने दावा किया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने हिंसा को अंजाम दिया है. जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) अध्यक्ष आइशी घोष पर भी हमला किया गया. इस हमले में आइशी घोष के सिर में गंभीर चोट आई है.

एबीवीपी ने लेफ्ट पर लगाया आरोप

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने लेफ्ट के छात्र संगठनों एसएफआई, आइसा और डीएसएफ पर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर हमला करने का आरोप लगाया है. एबीवीपी की जेएनयू यूनिट के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने कहा, 'जेएनयू में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर लेफ्ट के छात्र संगठनों एसएफआई, आइसा और डीएसएफ से जुड़े करीब 400 से 500 लोगों ने हमला किया है. इस हमले में एबीवीपी से जुड़े करीब 15 छात्रों को गंभीर चोटें आई हैं.

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जेएनयूएसयू ने दावा किया कि साबरमती और अन्य हॉस्टल में एबीवीपी ने प्रवेश कर छात्रों की पिटाई की. एबीवीपी ने पथराव और तोड़फोड़ भी की. हालांकि तोड़फोड़ करने वाले लोगों ने नकाब पहना हुआ था. जेएनयू में हुई हिंसा में घायल हुए छात्रों को इलाज के लिए एम्स में भर्ती कराया गया है.

कैंपस में मौजूद है पुलिस

जेएनयू प्रशासन ने कहा है कि शरारती तत्वों से निपटने के लिए कदम उठा लिए गए हैं. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को बुलाया गया है. साथ ही जेएनयू ने छात्रों को धैर्य बनाए रखने और अलर्ट पर रहने के लिए कहा है. लोगों का कहना है कि किस तरह से इतनी सुरक्षा व्यवस्था होने के बाद भी कैसे लोग कैंपस में घुसे और मारपीट की , जबकि कैंपस में मीडिया तक को एंट्री जल्दी नहीं मिल पाती है.

हिंसा में मूकदर्शक बनी रही पुलिस

दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हिंसा के बाद प्रदर्शनकारियों ने मीडिया पर भी हमला किया. इस हमले में आजतक के रिपोर्टर अशुतोष मिश्रा और कैमरामैन के साथ धक्का मुक्की को अंजाम दिया गया. इतना ही नहीं मीडिया को घटना की कवरेज से भी रोका जा रहा है. इस दौरान दिल्ली पुलिस भी वहां मौजूद थी लेकिन मीडिया पर हमले के दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही.

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