जवाहर लाल यूनिवर्सिटी में फिर बवाल हो गया है. सेकेंड और थर्ड फ्लोर की दीवारों पर ब्राह्मणों के खिलाफ नारे लिखे गए हैं. कहा गया है कि 'ब्राह्मण भारत छोड़ो'. बनिया समुदाय को लेकर भी आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया है. ABVP ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया है और जेएनयू प्रशासन से एक्शन की मांग की है.
अभी तक जेएनयू प्रशासन की तरफ से इस विवाद पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, लेकिन ABVP आरोप लगा रहा है कि लेफ्ट द्वारा ये हरकत की गई है. भावनाओं को भड़काने के लिए इस प्रकार के नारे दीवार पर लिख दिए गए हैं. जिन नारों को लेकर आपत्ति जताई गई है उनमें कहा गया है, ' ब्राह्मणों कैंपस खाली करो, यहां खून होगा, ब्राह्मण भारत छोड़ो'.
जारी बयान में ABVP अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा है कि सांप्रदायिक गुंडों द्वारा की गई इस हरकत का हम विरोध करते हैं. वामपंथियों ने जेएनयू की दीवारों पर गालियां लिखी हैं. हम सिर्फ इस बात में मानते हैं कि ऐसी संस्थानों का इस्तेमाल डिबेट करने के लिए होता है, समाज में जहर फैलाने के लिए नहीं. अभी तक ये स्पष्ट नहीं है कि किसकी तरफ से दीवारों पर ये आपत्तिजनक नारे लिखे गए. आरोप जरूर लेफ्ट पर लग रहा है, लेकिन स्पष्टता से कुछ भी नहीं कहा जा सकता.
इससे पहले भी जेएनयू में समय-समय पर बड़े बवाल होते रहे हैं. ये बवाल ना सिर्फ सांप्रदायिक मोड़ ले लेते हैं, कुछ मौकों पर हिंसा भी देखने को मिल जाती है. ऐसे में यहां पर माहौल संवेदनशील रहता है. अब इस नए विवाद की वजह से यूनिवर्सिटी में तनाव बढ़ गया है, एक तबका इस हरकत से खासा नाराज चल रहा है. मांग हो रही है कि आरोपियों के खिलाफ एक्शन लिया जाए.
पिछले साल भी ABVP और वामपंथी संगठन AISA के बीच मारपीट की घटना हुई थी. तब आरोप ये था कि ABVP छात्र संगठन के कार्यकर्ता बैठक कर रहे थे, लेकिन तभी AISA के कार्यकर्ता आए और जमकर बवाल काटा गया. JNU में 5 जनवरी 2020 को भयानक हिंसा हुई थी. उस समय टीचर्स और छात्रों ने मिलकर एक मार्च का आयोजन किया था. तभी वहां कुछ नकाबपोश लोग आए और मारपीट शुरू कर दी. कुछ नकाबपोश लोगों की तस्वीरें भी सामने आई थी. कोमल शर्मा नाम की एक लड़की की तस्वीर भी सामने आई थी, जिसके बारे में कहा गया था कि वो ABVP से जुड़ी है. इस मामले में वसंत कुंज थाने में केस दर्ज किया गया था.
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