हिजाब विवाद पर फैसला देने वाले 3 जजों को Y कैटेगरी की सुरक्षा, कर्नाटक सरकार का ऐलान

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बेंगलुरु में कहा कि हमने हिजाब पर फैसला देने वाले तीनों जजों को 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है.

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कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को हिजाब विवाद पर अपना फैसला दिया था. -फाइल फोटो कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को हिजाब विवाद पर अपना फैसला दिया था. -फाइल फोटो

aajtak.in

  • बेंगलुरु,
  • 20 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 1:52 PM IST
  • हिजाब विवाद पर मंगलवार को कर्नाटक हाईकोर्ट ने सुनाया था फैसला
  • फैसला सुनाने वाले तीनों जज को मिली है जान से मारने की धमकी

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि हिजाब विवाद पर फैसला देने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के तीनों न्यायाधीशों को मौत की धमकी मिलने के बाद 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी.

बेंगलुरु में अपने आवास के बाहर रविवार को मीडिया से बात करते हुए बोम्मई ने कहा कि हमने हिजाब पर फैसला देने वाले तीनों जजों को 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है. मैंने महानिदेशक और आईजी को विधानसौधा पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत की पूरी जांच करने का निर्देश दिया है, जिसमें कुछ लोगों ने जजों को जान से मारने की धमकी दी थी.

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तीन जजों में चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी भी शामिल हैं. मुख्य न्यायाधीश के अलावा, तीन-न्यायाधीशों की पीठ में जस्टिस कृष्णा दीक्षित और जस्टिस खाजी एम जयबुन्निसा भी शामिल थे. बोम्मई ने जजों को धमकाने के तीन आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है. 

घटना की निंदा करते हुए बोम्मई ने कहा, "समुदाय के पक्ष में होना धर्मनिरपेक्षता नहीं है, यह सांप्रदायिकता है. मैं इसकी निंदा करता हूं, हम सभी को एक साथ खड़ा होना चाहिए.

Y कैटेगरी में कैसी सुरक्षा मिलती है

बता दें कि Y कैटेगरी में 11 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं. इसमें एक या दो कमांडो और दो पीएसओ भी शामिल होते हैं. वहीं, Y+ कैटेगरी में 11 सुरक्षाकर्मियों के अलावा एस्कॉर्ट वाहन भी रहता है. एक गार्ड कमांडर और चार गार्ड आवास पर भी तैनात होते हैं. 

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बता दें कि पिछले मंगलवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं को खारिज कर दिया और कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम की एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है.

गौरतलब है कि तमिलनाडु में तमिलनाडु तौहीद जमात (टीएनटीजे) के तीन पदाधिकारियों पर कथित तौर पर हिजाब विवाद पर कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए मामला दर्ज किया गया था.

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