दिल्ली हाई कोर्ट ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों की आड़ में बच्चों से अधिक फीस वसूलने वाले राजधानी के करीब 378 स्कूलों से फीस वापसी के लिए ठोस कदम ना उठाने को लेकर दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. राजधानी दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों द्वारा बच्चों से अधिक फीस वसूलने के मामले में दिल्ली सरकार को ठोस कदम उठाने का निर्देश गया दिया है.
वहीं कोर्ट में दिल्ली सरकार की तरफ से दाखिल एफिडेविट में कहा गया है कि फीस वापसी को लेकर बनाई गई जस्टिस अनिल देव सिंह कमेटी के मुताबिक करीब 211 स्कूलों ने अभिभावकों के पैसे वापस कर दिए हैं, जबकि 320 स्कूलों की तरफ से अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है. कोर्ट ने कहा कि वर्षों से कोर्ट के आदेश के बावजूद अधिक फीस वसूलने के मामले में दोषी ठहराए गए स्कूलों से ब्याज सहित राशि क्यों नहीं वसूली गई.
स्कूलों से फीस वापसी को लेकर डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन ने कोर्ट में दलील दी कि फीस वापसी को लेकर जो स्कूल कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी की सिफारिशों को नहीं मानेंगे, उन स्कूलों की मान्यता को रद्द कर दिया जाएगा. कोर्ट ने शिक्षा विभाग प्रमुख सचिव को यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया है कि स्कूलों से राशि वसूलने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं.
फिलहाल कोर्ट ने शिक्षा विभाग प्रमुख सचिव को सभी 320 स्कूलों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आदेश दिया है. इसमें उनकी मान्यता रद्द होने से लेकर दिल्ली सरकार द्वारा उन्हें नियम के मुताबिक टेकओवर तक किया जा सकता है. स्कूलों से करीब 350 करोड़ रुपये वसूलने के मामले में दिल्ली सरकार ने अब तक क्या किया है, इसकी स्टेटस रिपोर्ट 10 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई में सरकार को कोर्ट के समक्ष पेश करनी होगी.
सुरभि गुप्ता / पूनम शर्मा