अरुण जेटली मानहानि मामले में वकील राम जेठमलानी को सरकारी खजाने से करोड़ों रुपए फीस देने के विवाद पर चुप्पी तोड़ते हुए अरविंद केजरीवाल ने विरोधियों पर हमला किया है. सीएम केजरीवाल दिल्ली के सीमापुरी इलाके में एमसीडी चुनाव में प्रचार के लिए जनसभा में हिस्सा लेने पहुंचे थे.
अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, 'डीडीसीए में बहुत भ्रष्टाचार था. क्रिकेट खेलने वाले बच्चे शिकायत लेकर आते थे कि रिश्वत न देने पर सिलेक्शन नही होता है. भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए मैंने इसके ऊपर जांच बैठा दी, लेकिन बीजेपी वालों ने मेरे ऊपर केस करवा दिया. तो मैंने सबसे बड़ा वकील किया राम जेठमलानी, तो ये लोग कहने लगे कि राम जेठमलानी की फीस सरकार क्यों देगी, अब जनता बताए फीस सरकार नहीं देगी तो क्या मैं दूंगा? ये लोग भ्रष्टाचार की लड़ाई को कमजोर करना चाहते हैं.'
इससे पहले विवाद बढ़ने पर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी मीडिया के सामने आकर कहा था कि 'इस मामले को उठाने की टाइमिंग पर सवाल उठते हैं. ये डेढ़ साल पुराना वकील की फीस का मामला ले आये हैं, क्योंकि बीजेपी के ईवीएम घोटाले की मध्य प्रदेश में पोल खुल गई है.'
केजरीवाल पर फाइन लगा तो कौन देगा?
जेठमलानी की फीस के मसले पर सोशल मीडिया पर भी खूब चटखारे लिए जा रहे हैं. फिल्म अभिनेता परेश रावल ने ट्वीट कर सवाल किया है कि अभी यह हाल है. अगर कल को कोर्ट
केजरीवाल पर फाइन लगाता है तो यह कौन भरेगा?
फ्री में केस लड़ें जेठमलानी: लालू प्रसाद
राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमा लालू प्रसाद यादव ने कहा कि राम जेठमलानी के पास तो काफी पैसा है. उन्हें यह केस फ्री में लड़ना चाहिए. लालू ने कहा, 'जेठमलानी ने तो हमारे इतने केस लड़े
और कभी हमसे पैसा नहीं लिया.' गौरतलब है कि राम जेठमलानी इस समय राज्यसभा सांसद हैं और उन्हें राजद ने ही राज्यसभा पहुंचाया है.
मानहानि रकम से भी ज्यादा हो जाएगी फीस!
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राम जेठमलानी ने केजरीवाल को 3.8 करोड़ रुपये का बिल भेजा है. इसके तहत उन्होंने एक करोड़ रुपये रिटेनरशिप के और 22 लाख प्रत्येक पेशी के मांगे हैं. इस
हिसाब से तो केजरीवाल के लिए यह मुकदमा जेटली की ओर से मांगे गए मुआवजे से भी महंगा पड़ जाएगा. अरुण जेटली ने अपनी छवि को खराब करने का आरोप लगाते हुए अरविंद
केजरीवाल से 10 करोड़ रुपये मांगे हैं
जेठमलानी के एक पेशी के 22 लाख रुपये के हिसाब से तो पूरे केस के दौरान उनका बिल 10 करोड़ के पार चला जाएगा. उदाहरण के तौर पर जेठमलानी की फीस 22 लाख रुपये है. यानि
अगर 30 बार पेशी होती है तो यह रकम 6.6 करोड़ रुपये हो जाएगी. इस तरह कुल रकम 10 करोड़ रुपये से ऊपर हो जाएगी. हालांकि वकील जेठमलानी की ओर से कहा गया है कि वे अपने
गरीब मुवक्किलों को फ्री में सेवा देने को तैयार हैं और इस पर केजरीवाल की ओर से कोई जवाब नहीं आया है.
पंकज जैन