BSF से बर्खास्त एक सिपाही ने BSF के अपने ही कुछ साथियों के परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर से करीब 70 लाख रुपए धोखाधड़ी कर निकाल लिए. पुलिस ने आरोपी को प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी फर्जी नाम से रह रहा था. पकड़ में आए आरोपी का नाम घनश्याम यादव है. घनश्याम यादव को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की साइबर यूनिट IFSO ने गिरफ्तार किया है.
साइबर सेल ने एनपीएस के अधिकारी की शिकायत के बाद FIR दर्ज की. शिकायत दी गई थी कि बीएसएफ के 65 जवानों के परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर से 89 अलग-अलग ट्रांजैक्शन कर करीब 70 लाख रुपए निकाल लिए गए हैं. पुलिस ने जब मामले की जांच की तो एक के बाद एक कड़ियां जुड़ती गईं. टेक्निकल सबूतों के आधार पर पुलिस की टीम उत्तर प्रदेश के प्रयागराज पहुंची और वहां पुलिस ने घनश्याम यादव को पकड़ा. घनश्याम यादव नाम बदलकर किराए के मकान में रह रहा था.
पुलिस ने आरोपी के पास से उत्तर प्रदेश पुलिस की वर्दी भी बरामद की है. क्योंकि आरोपी ने आसपास के लोगों को बता रखा था कि वह यूपी पुलिस में काम करता है. पुलिस ने बताया कि धोखाधड़ी से कमाई गई पूरी रकम को 2 बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया गया था. इस काम में कमीशन के आधार पर एक शख्स ने घनश्याम की मदद भी की है. पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है. पुलिस ने बैंक अकाउंट को फ्रीज भी करा दिया है.
33 साल के घनश्याम ने 2010 में बीएसएफ सिपाही के तौर पर ज्वाइन किया था. इसके दो बच्चे भी हैं. साल 2017 में घनश्याम की बटालियन की पोस्टिंग मालदा पश्चिम बंगाल में हो गई थी. कई दिनों तक बिना बताए ड्यूटी पर न जाने की वजह से घनश्याम को 2019 नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था.
धोखाधड़ी के लिए घनश्याम अपने मृत ससुर और अपनी एक महिला मित्र की आइडेंटिटी का इस्तेमाल करता था. इसने अपना नाम श्याम सिंह रख लिया था ताकि पुलिस की पकड़ से बच सके. लेकिन पुलिस ने पैसों के ट्रेल के जरिए आरोपी को पकड़ा लिया. पुलिस ने आरोपी के पास से 6 सिम कार्ड, 4 मोबाइल, जाली स्टैंप और एक कार बरामद की है.
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हिमांशु मिश्रा