जज को छुट्टी पर भेजा, फर्जी जज बनकर 2740 लोगों को दी जमानत

दिल्‍ली में एक शख्‍स की हिम्‍मत के बारे में सुन आप चौंक जाएंगे. 77 साल के इस शख्‍स ने जज को फर्जी चिट्ठी लिख छुट्टी पर भेज दिया, फिर खुद जज बनकर करीब तीन हजार लोगों को जमानत दे दी. पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया है.

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aajtak.in

  • नई दिल्‍ली,
  • 08 नवंबर 2014,
  • अपडेटेड 6:44 PM IST

दिल्‍ली में एक शख्‍स की हिम्‍मत के बारे में सुन आप चौंक जाएंगे. 77 साल के इस शख्‍स ने जज को फर्जी चिट्ठी लिख छुट्टी पर भेज दिया, फिर खुद जज बनकर करीब तीन हजार लोगों को जमानत दे दी. पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया है.

इस ठग को पुलिस ने पंजाबी बाग इलाके से कार चोरी करते रंगे हाथों पकड़ा. 77 साल का धनीराम इसके पहले 21 बार गिरफ्तार हो चुका है. ये धनीराम की 22वीं गिरफ्तारी है.

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बुधवार को पुलिस कार चोर समझकर जिस धनीराम से पूछताछ कर रही थी, उसने जब सच्चाई बतानी शुरू की तो पुलिस के होश उड़ गए. धनीराम ने पूछताछ में बताया कि वह रेलवे में स्टेशन मास्टर भी रह चुका है, लेकिन वहां उसने नौकरी छोड़ दी.

गिरफ्तार होने के बाद उसे तबीयत खराब होने की शिकायत पर पुलिस ने उसे दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में दाखिल कराया है. 77 साल के इस चोर ने स्टेशन मास्टर की नौकरी करने के पहले धनीराम ने कोलकाता से हैंडराइटिंग एक्सपर्ट का तीन साल का कोर्स भी किया था. इसके अलावा उसने एलएलबी कर वकालत शुरू कर दी.

धनीराम ने अपने बयान में बताया कि एक बार हरियाणा के झज्जर कोर्ट के एक एडिशनल सेशन जज पर विभागीय जांच चल रही थी. उसने एक फर्जी चिट्ठी बनाकर एडिशनल सेशन जज को छुट्टी पर भेज दिया और दो महीने तक उस जज की कुर्सी पर बैठकर अदालत लगाता रहा. इस दो महीने के दौरान धनीराम ने 2740 लोगों को जमानत दे दी.

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