किसान आंदोलनः नुकीले तार, सीमेंट की दीवार, दिल्ली की किलेबंदी पर पुलिस ने खर्च किए 9.7 लाख

किसानों को दिल्ली में घुसने के लिए पुलिस ने फरवरी में सभी बॉर्डर पर कड़ी किलेबंदी कर दी थी. इसके लिए पुलिस ने 9.7 लाख रुपए खर्च किए. आरटीआई में इस बात की जानकारी सामने आई है.

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फरवरी में हुई थी दिल्ली की किलेबंदी (फाइल फोटो-PTI) फरवरी में हुई थी दिल्ली की किलेबंदी (फाइल फोटो-PTI)

अशोक उपाध्याय

  • नई दिल्ली,
  • 21 जून 2021,
  • अपडेटेड 1:04 PM IST
  • आरटीआई में हुआ खर्च का खुलासा
  • टिकरी बॉर्डर पर 7.49 लाख का खर्चा
  • गाजीपुर बॉर्डर पर 1.57 लाख खर्च
  • सिंघु बॉर्डर पर खर्च की नहीं दी जानकारी

खेती से जुड़े तीन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने 1 फरवरी को जबरदस्त बैरिकेडिंग की थी. किसान दिल्ली में न घुस पाएं, इसके लिए पुलिस ने सड़कों पर नुकीले तार बिछा दिए थे, सीमेंट की दीवार खड़ी कर दी थी. देखकर ऐसा लग रहा था कि मानो युद्ध जैसे हालात हों. ये सब इसलिए हुआ था क्योंकि 26 जनवरी पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. इसने न केवल भारतीय मीडिया बल्कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान भी अपनी ओर खींचा था. अंतरराष्ट्रीय मीडिया में दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई की आलोचना की गई थी.

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लेकिन, ये सब करने में दिल्ली पुलिस ने कितना पैसा खर्च किया? ये जानने के लिए इंडिया टुडे ने राइट टू इन्फोर्मेशन यानी आरटीआई का इस्तेमाल किया और दिल्ली पुलिस में एक आरटीआई दाखिल की. हमने ये भी पूछा कि जहां-जहां किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, वहां-वहां पुलिस की तैनाती में कितना खर्च आया?

टिकरी बॉर्डर पर हुआ खर्च

हमें तीन अलग-अलग जिलों से तीन अलग-अलग जवाब मिले. पहला जवाब आउटर डिस्ट्रिक्ट से, जहां टिकरी बॉर्डर आती है. आउटर डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने बताया कि "टिकरी बॉर्डर पर मल्टीलेयर बैरिकेडिंग करने पर अब तक 7,49,078 रुपए खर्च हुए हैं." हालांकि, पुलिस जवानी की तैनाती पर खर्च के बारे में उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी.

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गाजीपुर बॉर्डर पर हुआ खर्च

वहीं, गाजीपुर बॉर्डर ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में आती है. यहां से जवाब मिला, "अब तक 1.57 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं." पुलिस की तैनाती पर पूछे गए खर्च के जवाब में पुलिस ने बताया कि कुछ खर्चा नहीं हुआ.

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सिंघु बॉर्डर के खर्च की जानकारी नहीं दी गई.

इसके अलावा सिंघु बॉर्डर आउटर नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट पुलिस के अधीन आती है. इसने जानकारी देने से मना कर दिया. आरटीआई के जवाब में इसने कहा, "इसकी जानकारी नहीं दे सकते क्योंकि आंदोलन अभी भी चल रहा है."

हैरानी की बात है कि ईस्ट डिस्ट्रिक्ट और आउटर डिस्ट्रिक्ट बैरिकेडिंग पर हुए खर्चे की जानकारी दे सकते हैं, लेकिन आउटर नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट इसकी जानकारी नहीं दे सकता.

 

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