डीपीएस स्टूडेंट का कमाल, नशामुक्ति के लिए बनाया एंडरॉयड ऐप

डीपीएस आरके पुरम में 12वीं के स्टूडेंट शगुन गोयल ने एक ऐसा ऐप बनाया है, जिसके जरिए कोई भी ड्रग एडिक्ट अपनी समस्याएं खुल कर सामने रख सकता हैं.

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नशामुक्ति का ऐप नशामुक्ति का ऐप

अंजलि कर्मकार / प्रियंका सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 23 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 4:28 AM IST

डीपीएस आरके पुरम में 12वीं के स्टूडेंट शगुन गोयल ने एक ऐसा ऐप बनाया है, जिसके जरिए कोई भी ड्रग एडिक्ट अपनी समस्याएं खुल कर सामने रख सकता हैं. शगुन ने इस ऐप को सहयोग नाम से बनाया है, जिसे गूगल प्ले स्टोर से आसानी से फ्री डाउनलोड किया जा सकता है. इस ऐप के जरिए नशे की लत से होने वाली परेशानियां और उनसे बचने के उपाय दूसरे ग्रुप मेंबर के साथ शेयर की जा सकती हैं.

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ऐप के हैं चार अहम फीचर
इस ऐप में चार अहम फीचर हैं, जिसमें डायरी, फोरम, ग्रुप और चैट है. इसके जरिए कोई भी पीड़ित दूसरे लोगो से संपर्क करके अपनी प्रॉब्लम को शेयर कर सकता है. साथ ही मिलने वाले समाधान का कितना असर हो रहा हैं ये चेक करने के लिए डायरी फीचर का इस्तेमाल कर सकता है.

पूरी तरह से सेफ है ये ऐप
ये ऐप पूरी तरह से सेफ और आपकी गोपनीयता को बनाए रखने का दावा करता है. इस ऐप से सिर्फ आपका ई-मेल एड्रेस शेयर होता है. उसके बाद आप इसमें डॉक्टर्स और दूसरे सर्वाइवर्स से अपनी परेशानियां बताकर उनका समाधान पा सकते हैं.

भारत में 3.4 मिलियन ड्रग एडिक्ट
गौररतलब है कि भारत में लगभग 3.4 मिलियन ड्रग एडिक्ट हैं, जिन्हें जानबूझकर या जबरदस्ती ने ड्रग एडिक्ट बना दिया है. इनमें से सिर्फ 10 फीसदी लोग ही नशामुक्ति केंद्रों तक पहुंच पाते हैं. ऐसे में नशा मुक्ति के लिए सहयोग जैसे प्रयास वाकई समाज में बदलाव ला सकते हैं.

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