दिल्ली: चिड़ियाघर में घड़ियाल की मौत मामले में एक कर्मचारी निलंबित

चिड़ियाघर प्रशासन के मुताबिक राजबीर सिंह को निलंबित कर दिया गया है और दूसरे कर्मचारियों के खिलाफ अभी कार्रवाई लंबित है. जांच कमेटी के मुताबिक पूछताछ के दौरान हेड कीपर विनोद कुमार ने स्वीकार किया है कि उसने जानवरों को नहीं देखा और सिर्फ दिहाड़ी मजदूरों के कहे अनुसार रजिस्टर में एंट्री कर दी.

Advertisement
प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 जून 2020,
  • अपडेटेड 3:38 PM IST

  • जानवरों को देखे बिना रजिस्टर में की एंट्री
  • जांच दल ने पाया लापरवाही का दोषी
दिल्ली के चिड़ियाघर में पिछले महीने एक मादा घड़ियाल की मौत के मामले में चिड़ियाघर ने पांच कर्मचारियों को काम में लापरवाही का दोषी पाया है. इस घड़ियाल की मौत पिछले महीने 24 अप्रैल को मौत हुई थी और इसका शव तीन दिन बाद मिला था. तीन सदस्यीय जांच पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘विशेषज्ञों का मानना है कि शव तीन दिन पुराना था."

चिड़ियाघर के 5 कर्मचारी दोषी

Advertisement

जांच दल ने कहा कि दीप कुमार, विनोद कुमार, राजबीर सिंह, मनोज कुमार और पशु चिकित्सा अधिकारी अभिजीत भावल लापरवाही और काम में चूक के दोषी हैं. हेड कीपर राजबीर सिंह को गलती छिपाने के लिए रिकॉर्ड में छेड़छाड़ का भी दोषी पाया गया है.

रजिस्टर में की गलत एंट्री

जांच दल ने कहा कि हेड कीपर दीप कुमार ने 24 और 25 अप्रैल के रिकॉर्ड में दर्ज किया था कि घड़ियाल समेत सभी जानवर अच्छी स्थिति में हैं लेकिन ये एंट्री तथ्यात्मक रूप से गलत थी. कमेटी ने कहा कि राजबीर सिंह ने जानवरों को बिना देखे एंट्री कर दी.

एक कर्मचारी निलंबित

चिडियाघर प्रशासन के मुताबिक राजबीर सिंह को निलंबित कर दिया गया है और दूसरे कर्मचारियों के खिलाफ अभी कार्रवाई लंबित है. जांच कमेटी के मुताबिक पूछताछ के दौरान हेड कीपर विनोद कुमार ने स्वीकार किया है कि उसने जानवरों को नहीं देखा और सिर्फ दिहाड़ी मजदूरों के कहे अनुसार रजिस्टर में एंट्री कर दी.

Advertisement

वेटनरी ऑफिसर अभिजीत भावल 23 से 26 अप्रैल के बीच घड़ियाल को देखने नहीं गए. जबकि वेटनरी ऑफिसर की ये ड्यूटी है कि वो चिड़ियाघर में मौजूद जानवरों को रोज देखने जाएंगे और उनकी गतिविधियों को रिकॉर्ड करेंगे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement